फुलवारी शरीफ़।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदा प्रबंधन विभाग बिहार सरकार की ओर से “डूबने से बचाव” नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन- जागरूकता अभियान के तहत पुनपुन नदी के किनारे बसे विभिन्न गांवो में दिनांक-03 नवंबर 2024 से लेकर 05 नवंबर 2024 तक गीत-संगीत के साथ लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
     इस नाटक की प्रस्तुति सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच वाल्मी, फुलवारी शरीफ पटना के द्वारा की जा रही है.
नाटक की शुरुआत अमन कुमार और गुंजन सिंहा के स्वरबद्ध गीत- ए भईया सुनॳ बतिया हमार मानॳ आपदा प्राधिकरण के कहनवा, डूबे से बच के तू रहीअ ये भईया गहिर पानी में ना जाईह ऐ भईया जिंदगी बड़ी अनमोल मानअ…. से हुई.


     नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि नदियों/तालाबों में स्नान करने, कपड़ा एवं बर्तन धोने जैसे रोजाना के काम के दौरान डूबने के कारण मृत्यु हो जाती है. इन बहुमूल्य जिंदगियां को बचाने के लिए बच्चों को नदी-तालाब में स्नान करने से रोके. आसपास जल-जमाव के खतरनाक स्थानो, गडढो आदि को चिन्हित करते हुए चेतावनी संदेश लगाये. नदी,तालाब,पोखर में उतरते समय गहराई का ध्यान रखें.डूबते व्यक्ति को धोती, साड़ी, रस्सी या बांस की सहायता से बचाए. यदि तैरना नहीं जानते हो तो स्वयं पानी में न जाए और सहायता के लिए शोर मचाये. डूबने की घटना होने पर आसपास के लोग एकत्रित होकर संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करते हुए घटना होने की संभावना पर चर्चा अवश्य करें. नाक और मुंह पर उंगलियों के स्पर्श से जांच कर ले की डूबे व्यक्ति की सांस चल रही है या नहीं यदि संभावित व्यक्ति का पेट फुला हुआ है तो पूरी संभावना है कि उसने पानी पी लिया होगा. पेट से पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू करें.डूबे हुए व्यक्ति को पेट के बल लेटाये तथा पेट के नीचे तकिया या छोटा बर्तन जो भी उपलब्ध हो उसे लगा दे. उसके बाद पीठ के निचले हिस्से पर धीरे-धीरे दबाकर पानी बाहर निकाले.खतरनाक घाटों के किनारो पर न जाएं और ना ही बच्चों को जाने दे. कहीं पर मिट्टी की खुदाई करके ना छोड़े घर के आसपास गहराई वाले स्थानो, गड्ढो के पास बच्चों को न जाने दे.
सुरक्षित छठ पूजा हेतु यह सलाह दी गई की चिन्हित घाटों पर ही छठ पूजा करें.किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें. बैरीकेडिंग को पार ना करें और खतरनाक घाटो और गहरे पानी में न जाए.गहरे पानी में खड़े होकर सेल्फी ना ले. अफवाहें ना फैलाएं और ना ही उन पर विश्वास करें. किसी भी प्रकार की गंदगी ना फैलाएं.भीड़ वाली जगहो पर हुमाद ना जलाएं. पटाखे कदापि न जलाएं.
  नाटक में इस गीत की रचना संस्था के सचिव महेश चौधरी ने की.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव