
पटना। बिहार में हृदय रोग के उपचार को नया मुकाम देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना ने होटल लेमन ट्री प्रीमियर में अंतरराष्ट्रीय मेदांता कार्डियक कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया, जिसमें भारत समेत अमेरिका, इंग्लैंड, मॉरीशस और नेपाल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हृदय रोगों के अत्याधुनिक उपचार और नई तकनीकों पर चर्चा की।

उद्घाटन सत्र में मेदांता समूह के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि हृदय रोग देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। उनका लक्ष्य बिहार के मरीजों को वही विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध कराना है जो विकसित देशों में दिया जाता है। डॉ. त्रेहन ने बताया कि जयप्रभा मेदांता अस्पताल में इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीक को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने जटिल एंजियोप्लास्टी, हाई-रिस्क केस मैनेजमेंट और बिना चीरा वाली प्रक्रियाओं पर अपने अनुभव साझा किए। इंग्लैंड के डॉ. जेम्स नोलान, अमेरिका के डॉ. मिथिलेश दास और मॉरीशस के डॉ. शमलोल उमेश ने नई तकनीकों की जानकारी दी। वहीं देश के विभिन्न शहरों से आए कार्डियोलॉजिस्टों ने भी अपने अनुभव और केस स्टडीज़ साझा की।
डॉ. प्रवीण चंद्रा ने कहा कि इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है और अब ऐसे मरीज भी सफलतापूर्वक इलाज पा रहे हैं, जिनका पहले उपचार मुश्किल माना जाता था। डॉ. रजनीश कपूर ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित टीम का मेल ही हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचा सकता है।
डॉ. प्रमोद कुमार ने स्पष्ट किया कि लक्ष्य सिर्फ उपचार प्रदान करना नहीं, बल्कि बिहार को कार्डियोवस्कुलर साइंस का अग्रणी केंद्र बनाना है। इस कॉन्क्लेव से युवा डॉक्टरों को नवीनतम तकनीकें सीखने का भी अवसर मिला।
आयोजन में डॉ. रवि शंकर सिंह, डॉ. अजय कुमार सिन्हा, डॉ. शाहीन अहमद, डॉ. विजय कुमार और डॉ. पवन कुमार सिंह समेत कई विशेषज्ञ मौजूद थे। आयोजन सचिव डॉ. शमशाद आलम ने बताया कि यह कॉन्क्लेव इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी मास्टर क्लास का पहला अध्याय है और आने वाले वर्षों में ऐसे प्रशिक्षण निरंतर जारी रहेंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव
