
पटना।
एक समय बिजली संकट से जूझता बिहार अब देशभर में अपने ऊर्जा सुधार मॉडल को लेकर मिसाल बन रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर, हर घर बिजली और उपभोक्ता केंद्रित योजनाओं ने बिजली विभाग की छवि बदल दी है। गुरुवार को पटना के विद्युत भवन में आयोजित संवाद सत्र में बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी एक मंच पर जुटे, जहां न सिर्फ अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा हुई, बल्कि भविष्य की चुनौतियों और तकनीकी उन्नयन पर भी खुलकर चर्चा हुई।
मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इस मौके पर कहा कि राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव सिर्फ तार और ट्रांसफॉर्मर तक सीमित नहीं है, यह आम लोगों की जिंदगी में आए सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक अपनाने के साथ-साथ कर्मचारियों को समय के साथ प्रशिक्षित करते रहना बेहद ज़रूरी है, ताकि उपभोक्ताओं की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके। “अब लोग यह नहीं पूछते कि बिजली आती है या नहीं, बल्कि यह पूछते हैं कि गई कितनी देर के लिए थी,” उन्होंने कहा।

ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इन बदलावों के पीछे न केवल योजनाएं, बल्कि बेहतर नेतृत्व और टीम भावना भी अहम रही है। संवाद सत्र में एसबीपीडीसीएल और एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जबकि बड़ी संख्या में कर्मचारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहे। सत्र में उपभोक्ताओं के साथ व्यवहार, शिकायत निवारण और ब्रांड बिहार की साख को और मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट