
पटना।
जिले में पुलिस–जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें समाज के विभिन्न तबकों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम में छात्र, व्यापारी, बुद्धिजीवी, राजनीतिक प्रतिनिधि और आम नागरिक मौजूद रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएसपी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि अपराध पर अंकुश तभी संभव है जब जनता पुलिस पर पूरा भरोसा जताए और हर स्तर पर सहयोग करे। उन्होंने कहा कि कई बार शिक्षित परिवार अपनी प्रतिष्ठा को लेकर छेड़खानी या अन्य आपराधिक घटनाओं की शिकायत दर्ज नहीं कराते, जिससे पुलिस जांच में मुश्किलें आती हैं और न्यायालय में भी फजीहत झेलनी पड़ती है।
डीएसपी ने बताया कि अब पुलिस डिजिटल युग में हाईटेक सुविधाओं से लैस है और आम लोगों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है। हर अधिकारी कॉल रिसीव या कॉल बैक करने के लिए तत्पर है। ऐसे में जनता का भी दायित्व है कि घटनाओं की जानकारी समय पर पुलिस को दें।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि आज भी कई लोग सड़क हादसों या अपराध के वक्त मदद करने के बजाय वीडियो बनाने में लग जाते हैं। उन्होंने अपील की, “सबसे पहले पीड़ित की मदद करें, अपराधियों का विरोध करें और पुलिस को सूचित करें। केवल सोशल मीडिया पर वीडियो डालने से समाज का भला नहीं होगा।”
छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि पहले पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, लेकिन आज हर पंचायत-प्रखंड में प्लस-टू स्कूल, कॉलेज, कंप्यूटर लैब और मध्याह्न भोजन जैसी सुविधाएं हैं। जैसे शिक्षा व्यवस्था मजबूत हुई है, वैसे ही पुलिस व्यवस्था भी आधुनिक हुई है।
डीएसपी धर्मेंद्र ने स्पष्ट कहा, “पुलिस केवल आलोचना सुनने के लिए नहीं है, बल्कि हर परिस्थिति में जनता की मदद करती है। लेकिन अपराध रोकने के लिए समाज के लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।”
उन्होंने 112 डायल सेवा का जिक्र करते हुए बताया कि किसी भी घटना की सूचना मिलते ही पुलिस वाहन तुरंत मौके पर पहुंचता है। इसलिए लोग बिना देर किए 112 पर सूचना दें या नजदीकी थाने से संपर्क करें।
पुलिस–जन संवाद का मुख्य संदेश यही रहा कि जनता पुलिस को दुश्मन नहीं, बल्कि साथी के रूप में देखे। विश्वास और सहयोग की यह साझेदारी ही जहानाबाद को अपराधमुक्त और सुरक्षित दिशा में ले जा सकती है।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव