
फुलवारी शरीफ।
विधानसभा प्रखंड कार्यालय मैदान गुरुवार को इतिहास रचता नजर आया, जब बरसात के बावजूद एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में हजारों की भीड़ उमड़ी। खासतौर पर महिलाओं की भारी भागीदारी ने सम्मेलन को अद्वितीय बना दिया। भीगते मौसम में भी महिलाओं का यह उत्साह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला सशक्तिकरण, शराबबंदी, दहेजबंदी और कल्याणकारी योजनाओं पर उनके गहरे विश्वास को दर्शाता रहा।
सम्मेलन की शुरुआत महादलित बेटियों के “सरगम महिला बैंड” की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति से हुई। “नारी गुंजन” संस्था के मार्गदर्शन में आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी इन बेटियों ने अपने वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों से वातावरण को ऊर्जा से भर दिया। बिहार सरकार की मंत्री शीला मंडल ने सभी कलाकारों को चादर भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में एनडीए नेताओं ने एकजुटता और मेहनत को महाविजय की कुंजी बताया। पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा, “यह भीड़ कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और जनता के अटूट विश्वास का प्रमाण है। गांव-गांव तक जाकर योजनाओं की जानकारी देना ही हमें 225 सीटों तक ले जाएगा। 2025 में ‘225 और फिर से नीतीश’ का संकल्प अब जनभावना बन चुका है।”

पूर्व विधायक अरुण मांझी ने भावुक होकर कहा, “नीतीश कुमार ने मुझे झोपड़ी से उठाकर यहां तक पहुंचाया। यह सम्मेलन केवल राजनीति नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। बेटियों की निर्भीक भागीदारी सुशासन के प्रभाव को दर्शाती है।”
केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, मंत्री शीला मंडल, विधान परिषद सदस्य रविंद्र प्रसाद सिंह, लोजपा रामबिलास के पटना जिला अध्यक्ष चंदन यादव सहित एनडीए के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं, जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी ने माहौल को उत्साहपूर्ण बनाया। सम्मेलन की अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष रजनीश कुमार और संचालन जदयू के अशोक कुमार ने किया।

सम्मेलन में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का एजेंडा भी सामने रखा गया। बिजली बिल फ्री करने, 400 से 1100 रुपये तक पेंशन, और प्रत्येक महिला को 10,000 रुपये रोजगार सहायता राशि जैसी घोषणाओं ने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी।
फुलवारी शरीफ का यह महाजुटान न केवल शक्ति प्रदर्शन था, बल्कि यह संदेश भी कि बरसात हो या बाधाएं—एनडीए के लिए महाविजय का रास्ता अब साफ नजर आ रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव