पटना।

पटना समाहरणालय में रविवार को एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री के कर-कमलों से “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” की शुरुआत की गई। इस मौके पर महिलाओं से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया, नगर क्षेत्र की महिलाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल और 250 जागरूकता वाहनों के राज्यव्यापी अभियान का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी पटना, उप विकास आयुक्त, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी, जीविका से जुड़े अधिकारी तथा सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

जिलाधिकारी पटना ने बताया कि इस योजना से जिले की करीब 5 लाख 10 हजार महिलाएं लाभान्वित होंगी। इसके लिए जीविका समूह से जुड़ना अनिवार्य है। योजना का उद्देश्य है कि राज्य के प्रत्येक परिवार से कम से कम एक महिला को आर्थिक सहयोग देकर स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं, ताकि वे उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि पहली किस्त के रूप में महिलाओं के बैंक खातों में इस माह से ही 10,000 रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी, जबकि छह माह बाद व्यवसाय की प्रगति का आकलन करने पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।

जिलाधिकारी ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सरकार की अब तक की पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि पंचायत एवं नगर निकाय चुनावों में 50% आरक्षण, सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण, जीविका के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों का गठन और पूर्ण मद्यनिषेध जैसी योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। नई योजना से महिलाओं को रोजगार के नए अवसर तो मिलेंगे ही, साथ ही वे आत्मनिर्भर होकर समाज में मजबूत भूमिका भी निभा सकेंगी।

कार्यक्रम में शामिल जीविका दीदियों ने राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग और अधिक व्यापक होगा। पटना जिले के विभिन्न प्रखंडों से आईं दीदियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि सरकार की योजनाओं से अब वे परिवार और समाज दोनों में आत्मविश्वास के साथ खड़ी हो पा रही हैं। समारोह में जीविका जिला परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार सासमल और 250 दीदियों की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को और भी खास बना दिया।

ब्यूरो रिपोर्ट