
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘महिला संवाद’ की समीक्षा बैठक में की 5 बड़ी घोषणाएं, महिलाओं के लिए शुरू होंगी नई योजनाएं
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन में आयोजित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में महिलाओं के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शुरू से ही महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देती रही है। वर्ष 2006 में पंचायती राज में 50% आरक्षण से लेकर अब तक महिला कल्याण को लेकर कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनका लाभ अब राज्य की करोड़ों महिलाएं उठा रही हैं। उन्होंने बताया कि 18 अप्रैल से 20 जून तक राज्य के सभी 38 जिलों में 70 हजार जगहों पर ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 1.56 करोड़ महिलाओं ने भाग लेकर अपनी बातें रखीं।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह कार्यक्रम शुरू किया गया, ताकि गांव-गांव में जाकर महिलाओं से संवाद कर उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा सके और जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। कार्यक्रम के माध्यम से जमीनी स्तर पर महिलाओं की समस्याएं जानने और उनका समाधान सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया।

बैठक में शामिल जीविका समूहों की प्रतिनिधियों – गोपालगंज की मुनेजा बेगम, जमुई की पार्वती देवी, पश्चिम चंपारण की रंजीता काजी और खगड़िया की पिंकी देवी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, शौचालय निर्माण और ‘जीविका’ जैसी योजनाओं ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने कहा कि जीविका निधि बैंक के माध्यम से उन्हें सुलभ ऋण मिल रहा है, जिससे वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पांच बड़ी घोषणाएं कीं—
1. सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रति माह किया जाएगा। यह बढ़ी हुई पेंशन जुलाई से लाभार्थियों के खातों में हर महीने की 10 तारीख को भेजी जाएगी।
2. जीविका समूहों को 3 लाख रुपये से अधिक के बैंक ऋण पर ब्याज दर 10% से घटाकर 7% कर दी गई है। शेष ब्याज की भरपाई सरकार करेगी।
3. हर पंचायत में विवाह भवन का निर्माण कराया जाएगा, जिसे जीविका दीदियां संचालित करेंगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों के विवाह के आयोजन में सुविधा हो।
4. जीविका से जुड़े सभी कर्मियों का मानदेय दोगुना किया जाएगा। इसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
5. ‘दीदी की रसोई’ योजना को अब प्रखंड स्तर तक के सभी सरकारी संस्थानों में लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2006 में विश्व बैंक की सहायता से शुरू की गई जीविका योजना से आज राज्य में 1.35 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। शहरी क्षेत्रों में भी 36 हजार समूह बन चुके हैं। राज्य सरकार लगातार महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित कर रही है। जीविका समूहों के सफल संचालन को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी इस मॉडल को अपनाया और ‘आजीविका’ योजना शुरू की।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जाति आधारित गणना के दौरान 94 लाख गरीब परिवारों की पहचान की गई थी। इन परिवारों को 2 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता देने का काम शुरू हो चुका है। पहले यह काम पांच साल में पूरा करने की योजना थी, लेकिन अब इसे जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है। यदि जरूरत पड़ी तो सहायता राशि को बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा।
इस अहम बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी सहित कई वरीय अधिकारी, सभी जिलों से जीविका समूह की महिलाएं और जिलाधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहे। मुख्यमंत्री ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना राज्य का समावेशी विकास संभव नहीं। राज्य सरकार महिला शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
ब्यूरो रिपोर्ट