पटना।

सोमवार को जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने राजस्व मामलों की व्यापक समीक्षा की। इस बैठक में दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, भूमि नापी, आधार सीडिंग, अतिक्रमण हटाओ अभियान, सीमांकन, भूमि विवाद निराकरण (बीएलडीआरए), भूमि अधिग्रहण और सरकारी योजनाओं हेतु भूमि उपलब्धता समेत सभी प्रमुख विषयों की गहन पड़ताल की गई। समीक्षा के दौरान डीएम ने बताया कि दाखिल-खारिज मामलों में पिछले एक वर्ष में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और यह प्रगति जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता और योजनाबद्ध प्रयासों का परिणाम है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल 2024 को दाखिल-खारिज के 80,592 मामले लंबित थे, जो अब घटकर 16,534 रह गए हैं। इनमें से 40,207 मामले 75 दिन से अधिक पुराने थे, जिन्हें घटाकर मात्र 3,380 तक लाया गया है। इस दौरान कुल 85,192 नए आवेदन भी प्राप्त हुए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लगभग 1,49,250 मामलों का निष्पादन किया गया है। उन्होंने इसे प्रशासन की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह सब अधिकारियों की मेहनत और तकनीकी सुधारों की वजह से संभव हो पाया है।

बैठक में डीएम ने अंचलवार प्रगति की समीक्षा करते हुए सात अंचलों—सम्पतचक, बिहटा, दीदारगंज, दानापुर, नौबतपुर, धनरूआ और फुलवारीशरीफ—को विशेष निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि सम्पतचक में 1,465, बिहटा में 610, दीदारगंज में 365, दानापुर में 335, नौबतपुर में 233, धनरूआ में 111 और फुलवारीशरीफ में 80 पुराने मामले लंबित हैं। इन अंचलों के अंचलाधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर सभी 75 दिनों से अधिक पुराने मामलों को निपटाने का अंतिम अवसर दिया गया है, अन्यथा शिथिलता बरतने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इसके विपरीत 26 में से 19 अंचल ऐसे हैं जहाँ सुधार की स्थिति अत्यंत संतोषजनक रही। पंडारक, घोसवरी और बाढ़ अंचलों में 75 दिन से अधिक पुराने दाखिल-खारिज मामले शून्य हो गए हैं। वहीं पटना सदर, बिक्रम, अथमलगोला, पालीगंज, मनेर, फतुहा, बख्तियारपुर, बेलछी और अन्य अंचलों में ऐसे मामलों की संख्या अत्यंत न्यूनतम (0 से 7) के बीच है। जिलाधिकारी ने इन 19 अंचलाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए अगली बैठक में उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान करने का आदेश अपर समाहर्ता को दिया है।

हालांकि, समीक्षा में कुछ विभागीय लापरवाहियाँ भी उजागर हुईं। पटना सदर के भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में दाखिल-खारिज अपीलों का निष्पादन बेहद धीमा पाया गया। पिछले दो सप्ताह में 63 अपीलें आईं लेकिन सिर्फ 39 का निपटारा हुआ। पटना सिटी में स्थिति और खराब रही जहाँ 31 नए अपीलों में से एक का भी निष्पादन नहीं हुआ। जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण माँगा है और कार्यों में तत्परता लाने का सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने दोहराया कि म्युटेशन अपील और बीएलडीआरए मामलों को समय-सीमा के भीतर अनिवार्य रूप से निष्पादित किया जाए।

परिमार्जन प्लस के अंतर्गत प्राप्त 68,668 आवेदनों में से 51,971 का निष्पादन हुआ है। साथ ही ऑनलाइन अनुपलब्ध जमाबंदी डिजिटाइजेशन (परिमार्जन प्लस की एक श्रेणी) में भी प्रगति हो रही है, लेकिन अब भी 12,360 आवेदन लंबित हैं। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 120 दिन से अधिक पुराने 11,109 मामलों का निष्पादन तुरंत सुनिश्चित करें। आधार सीडिंग में पालीगंज, मसौढ़ी, दानापुर और बाढ़ की स्थिति अच्छी पाई गई, जबकि पटना सदर और पटना सिटी को इसमें सुधार करने का आदेश दिया गया है।

बैठक में समाहरणालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचलाधिकारी उपस्थित थे। डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी राजस्व कार्यों में तत्परता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ कार्य करें तथा सरकारी निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें।

ब्यूरो रिपोर्ट