रमजान में 70 नेकियों का मिलता है सवाब

फुलवारी शरीफ।

रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है। रोजेदार न सिर्फ खुदा के लिए अपनी शिद्दत बल्कि इंसानियत के लिए अपनी चाहत भी परखते हैं. इस नेकियों को बटोरने में बच्चे भी बड़े के मुकाबले में रोजा रख रहे हैं, इबादत कर रहे हैं.फुलवारीशरीफ हारून नगर निवासी हाजी शाद हुसैन अशरफी के 6 वर्षीय पुत्र
मो. हनजल हुसैन इस रमजान मुबारक महीने के पहला रोजा रमजान के पहला जुम्मा के दिन रखा. बड़ों की तरह सुबह-सुबह सहरी खाया और रोज की तैयारी कर ली. जैसे-जैसे दिन ढलने लगा और उसने कुछ नहीं खाया तो घर वालों ने कहा कि कुछ खा लो तो उसने इंकार कर दिया और कहा की सहरी में खाए थे अब इफ्तार करेंगे आज हम रोजा है. इसके बाद घर में सभी लोग अचंभित रह गए लोग मानने को तैयार नहीं थे उसे काफी मनाया लेकिन 6 वर्षीय नन्हे रोजगार ने रोजा रखने की जिद पकड़ ली और पूरा रोजा मुकम्मल किया. शाम के समय सब बड़ों लोगों के साथ इफ्तार करके रोजा खोला और फिर इबादत की.
नन्हे रोजगार के मां ने बताया कि रोज दूसरे लोगों को रोजा रखते हुए देखकर वह कई दिनों से रोजा रखने की जीद पकड़ रहा था और आज उन्हें खुशी है कि अल्लाह ने उनके बेटे का रोजा पूरा किया. घर के बड़े बुजुर्गों ने भी कहा इस नन्ही उम्र में हंजल हुसैन ने रोजा रखा और अल्लाह सभी लोगों के लिए दुआएं भी की. हांज़ल छोटी उम्र से ही धार्मिक किताबें भी पड़ता है. पहला रोजा पूरा होने पर लोगों ने गिफ्ट दिया और ढेर सारी दुआँए दी।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव