
फुलवारी शरीफ।
संपतचक प्रखंड अंतर्गत भोगीपुर निवासी, सर्वोच्च मानवाधिकार संरक्षण सम्मान से विभूषित वयोवृद्ध समाजसेवी सुखदेव बाबू ने विगत दिवस राजगीर, नालंदा में आयोजित अखिल भारतीय “कुर्मी समागम सह चेतना शिविर” के सफल आयोजन एवं समापन पर आयोजन मंडल को कोटि-कोटि बधाई दी है।
सुखदेव बाबू ने आयोजन मंडल के प्रमुख ई. अनिल कुमार को पत्र लिखकर शिविर में उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को लगातार जिला, प्रखंड, पंचायत और गांव-गांव तक ले जाने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि आम जनमानस में इन सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
विशेष रूप से तिलक-दहेज प्रथा एवं आडंबरपूर्ण श्राद्ध का बहिष्कार आवश्यक बताया और कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि इस आडंबरपूर्ण सामाजिक व्यवस्था में मात्र 5% अमीर लोग शाही अंदाज में शादी और श्राद्ध करते हैं, लेकिन उनके पीछे चलने की कोशिश में 95% मध्यमवर्गीय और सामान्य गरीब परिवार कर्ज लेकर, उधार लेकर, यहां तक कि जमीन-जायदाद बेचकर समाज में अपनी धाक और रुतबा दिखाने की कोशिश में बुरी तरह फंस जाते हैं।
“कुर्मी समागम सह चेतना शिविर” में उठाए गए ये मुद्दे किसी एक जाति विशेष के लिए नहीं, बल्कि जाति-धर्म से ऊपर उठकर संपूर्ण समाज को प्रभावित करने वाले हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव