
पटना।
भारतीय लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रेमा लोक मिशन स्कूल के निदेशक प्रख्यात शिक्षाविद् पर्यावरण विद् गुरुदेव श्री प्रेम ने कहा कि शिक्षा की रोशनी में अपने भविष्य के साथ-साथ दूसरे लोगों का भविष्य भी सवार सकते हैं. शिक्षा केवल खुद के लिए हासिल नहीं करना है बल्कि दूसरों को भी शिक्षित करने के लिए शिक्षा हासिल करना है. उन्होंने सभी युवाओं स्टूडेंटस को संदेश देते हुए कहा कि शिक्षित बने और दूसरे लोगों को भी शिक्षित करें. उन्होंने कहा कि सद्ग्रंथों से लेकर महापुरूषों ने शिक्षा के महत्व पर जो प्रकाश डाला है उसके इतरे कुछ और कहने की आवश्यक्ता नहीं है; किन्तु शिक्षितों के बढ़ते ग्राफ के साथ – साथ भ्रष्टाचार का दानव भी संपूर्ण भारत सहित विश्व को पीड़ा दे रहा है.जैसे सूर्य के प्रभाव में जीवन फलता, फूलता और बढ़ता है वैसे ही तथाकथित शिक्षितों के ही प्रभाव में रक्त बीज राक्षस फलीत होता है. यह बात भी सत्य है कि इसका माली हमारे ही राजनेता हैं.हम एम्स में करोड़ों लगाकर डॉ बनाते हैं और वे करोड़ों पाने के लिए विदेश चले जाते हैं.यही कमोवेश सभी शिक्षितों की हालत है. अगर देश नहीं छोड़ सकें तो अपना प्रदेश ही छोड़कर चले जाते हैं और कुछ नहीं छोड़ें तो माता-पिता को ही छोड़कर अपना शिक्षित होना साबित कर देते हैं.फिर करें क्या? यह एक बड़ा सवाल है.मैंने उत्तर ढूंढ राह पकड़ ली है आगे बारी आपकी है.
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव