
नई दिल्ली।
भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लगातार अपना आठवां बजट पेश किया। इस बजट में कई प्रमुख घोषणाएँ की गईं, जो विशेष रूप से मध्यम वर्ग, किसानों, और व्यवसायियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसे आकांक्षाओं का बजट बताते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए है और इसमें सभी वर्गों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सस्ती हुई चीजें:
इस बजट में कई सामानों को सस्ता करने के लिए निर्णय लिए गए हैं, जिनसे आम आदमी को राहत मिल सकती है। खासतौर पर स्वास्थ्य, मोबाइल, और पर्यावरण से जुड़ी चीजें सस्ती हो सकती हैं:
1. मोबाइल फोन: मोबाइल फोन की कीमतों में कमी आएगी, जिससे आम जनता को सस्ती स्मार्टफोन की सुविधा मिल सकेगी।
2. कैंसर की दवाइयाँ: कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयाँ सस्ती हुई हैं, जिससे इस बीमारी के इलाज में आर्थिक बोझ कम होगा।
3. मेडिकल उपकरण: अस्पतालों में उपयोग होने वाले मेडिकल उपकरणों की कीमतों में भी कमी आई है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाएगा।
4. LCD/LED टीवी: टीवी सेट सस्ते होंगे, जिससे आम लोग नए तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर पाएंगे।
5. लाइव सेविंग दवाइयाँ: 6 लाइव सेविंग दवाइयाँ, जो जीवनरक्षक होती हैं, को सस्ता किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इनका उपयोग कर सकें।
6. मेडिकल उपकरणों पर टैक्स राहत: मेडिकल उपकरणों पर टैक्स कम करने के निर्णय से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को फायदा मिलेगा।
7. चमड़ा और चमड़े से बने उत्पाद: चमड़ा और इससे बने उत्पादों पर टैक्स घटाया गया है, जिससे इन उत्पादों की कीमतों में कमी आई है।
8. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स: इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स राहत दी गई है, जिससे बैटरी से चलने वाली कारों की कीमतें कम हो सकती हैं, और पर्यावरण की रक्षा के लिए यह कदम अहम साबित हो सकता है।
9. फ्रोजन फिश, मोटरसाइकिल और कुछ खनिज पदार्थ: कुछ खाद्य वस्तुएं, जैसे फ्रोजन फिश और अन्य खनिज जैसे कोबाल्ट पाउडर, जिंक स्क्रैप को भी सस्ता किया गया है।
10. मखाना बोर्ड की स्थापना: बिहार के किसानों के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की गई है, जिससे किसानों को मखाना उत्पादन और विपणन में सहायता मिलेगी।
महंगी हुई चीजें:
हालांकि बजट में कई वस्तुओं को सस्ता किया गया है, कुछ चीजों की कीमतें बढ़ाई गई हैं, जिनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं:
1. इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले: इस पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे यह उत्पाद महंगा हो सकता है, जो इलेक्ट्रॉनिक सामान के उपयोगकर्ताओं के लिए एक नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
2. बुने हुए कपड़े: निटेड फैब्रिक्स (बुने हुए कपड़े) पर भी टैक्स बढ़ाया गया है, जिससे इन कपड़ों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
3. अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड: सरकार ने अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड की बढ़ती खपत पर चिंता जताई है, जिसमें नमक, चीनी, आर्टिफिशियल एडिटिव्स और कॉन्सन्ट्रेटेड फैट जैसी सामग्री होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इन पर जीएसटी बढ़ाए जाने की संभावना है, ताकि लोग स्वच्छ और पौष्टिक आहार की ओर अधिक ध्यान दें।
मध्यम वर्ग को मिली राहत:
इस बजट में केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट की घोषणा की है, जिससे सालाना आय 12 लाख रुपये तक रखने वाले करदाताओं को 80,000 रुपये तक की बचत हो सकेगी। इसके तहत, नई टैक्स व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे लाखों लोग टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे। इस कदम से लगभग 1 करोड़ लोग टैक्स के दायरे से बाहर होंगे।
मध्यम वर्ग के लिए अन्य राहत:
सैलरी वाले करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे उनके हाथ में ज्यादा पैसा रहेगा। इससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टैक्स छूट सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
अगले सुधारों का खाका:
वित्त मंत्री ने बीमा क्षेत्र में FDI सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत से 100 प्रतिशत करने की घोषणा की है, जिससे बीमा क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित हो सकता है। साथ ही, कर कानूनों को सरल बनाने के प्रस्ताव भी हैं, ताकि देश में कारोबार करना आसान हो।
बिहार के लिए घोषणाएँ:
बिहार के लिए भी इस बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना और पटना स्थित IIT का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा, बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना का फैसला लिया गया है, जिससे बिहार के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
मनरेगा योजना के तहत, वित्त मंत्री ने 86,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करने के लिए है। कोविड-19 के समय में मनरेगा योजना ने लाखों मजदूरों को रोजगार प्रदान किया था, और यह अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगा।
2025-26 का बजट आम नागरिक, खासकर मध्यम वर्ग, किसानों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कई राहत प्रदान करता है। टैक्स छूट, सस्ती दवाइयाँ, और ईवी वाहनों पर राहत जैसी घोषणाएँ देश के विकास को गति दे सकती हैं। हालांकि कुछ वस्तुओं पर टैक्स वृद्धि की गई है, लेकिन कुल मिलाकर यह बजट सकारात्मक दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट