
नई दिल्ली।
आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा झटका लगा है, जब पार्टी के आठ विधायकों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इनमें से प्रत्येक विधायक ने इस्तीफे के साथ पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, इन इस्तीफों का दिल्ली सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि चुनाव तक केयरटेकर सरकार ही काम करेगी।
इस्तीफा देने वाले विधायकों में जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि, महरौली के विधायक नरेश यादव, त्रिलोकपुरी के विधायक रोहित कुमार, कस्तूरबा नगर के विधायक मदनलाल, पालम की विधायक भावना गौड़, बिजवासन के विधायक भूपेंद्र सिंह जून और मादीपुर से गिरीश सोनी शामिल हैं। इन सभी का कहना था कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें टिकट नहीं दिया, और इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
इन इस्तीफों के साथ पार्टी में असंतोष की लहर फैल गई है, जिससे आम आदमी पार्टी की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं। त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित कुमार ने अपने इस्तीफे में कहा कि वह ऐसे लोगों से अपना नाता तोड़ रहे हैं, जिनके पास बाबा साहब की तस्वीर तो है, लेकिन उनके विचार नहीं। महरौली के विधायक नरेश यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी का उदय भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन से हुआ था, लेकिन अब वह खुद उसी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है।
पालम की विधायक भावना गौड़ ने भी साफ शब्दों में कहा कि उन्हें अरविंद केजरीवाल और पार्टी पर अब कोई भरोसा नहीं रहा, इसलिए उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
बता दें कि इन इस्तीफों ने आम आदमी पार्टी को चुनाव से पहले बड़ी चुनौती दी है, और अब सवाल यह उठता है कि क्या पार्टी इन इस्तीफों के बाद अपनी खोई हुई स्थिति को फिर से स्थापित कर पाएगी या नहीं।
ब्यूरो रिपोर्ट