पटना।

पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन के निर्माण और संचालन को लेकर यातायात प्रबंधन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी, पटना; वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना; और नगर आयुक्त, पटना नगर निगम ने आज एक विशेष स्थल निरीक्षण और समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य सड़क निर्माण निगम लिमिटेड; पुलिस अधीक्षक (यातायात), पटना; और अन्य वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।


यातायात दबाव के प्रबंधन पर जोर

जिलाधिकारी ने कहा कि नए टर्मिनल भवन के शुरू होने से यातायात दबाव में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। वर्तमान में पटना एयरपोर्ट पर पाँच हवाई जहाज एक साथ लग सकते हैं, जबकि नए टर्मिनल के संचालन से यह संख्या बढ़कर ग्यारह हो जाएगी। इसके साथ ही समानांतर टैक्सी ट्रैक बनने और विमानों की बढ़ी हुई फ्रिक्वेंसी के कारण यात्रियों की संख्या लगभग दुगुनी होने की संभावना है।

नई टर्मिनल बिल्डिंग: अप्रैल से संचालन की संभावना

जिलाधिकारी ने बताया कि नए टर्मिनल भवन का संचालन अप्रैल से शुरू होने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए तात्कालिक और दीर्घकालीन यातायात योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। प्रस्तावित योजनाओं में एयरपोर्ट के प्रवेश और प्रस्थान मार्गों के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या को टाला जा सके।


तात्कालिक योजनाएं:
1. वेटनरी कॉलेज ग्राउंड के सामने एक यू-टर्न और नए इंट्री गेट व स्टेट हैंगर के बीच दूसरा यू-टर्न प्रस्तावित।
2. यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस अधीक्षक (यातायात) को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश।
3. एयरपोर्ट के नजदीकी सड़कों का चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण।

दीर्घकालीन योजनाएं:
1. नए टर्मिनल के सामने फ्लाईओवर या अंडरपास निर्माण का प्रस्ताव।
2. तीन जगहों पर स्लिप रोड बनाने की योजना।
3. यातायात प्रबंधन के लिए समर्पित एंट्री और एग्जिट पथ का प्रावधान।

सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए समन्वय पर जोर
बैठक में सभी संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर यातायात प्रबंधन के कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि दीर्घकालीन योजना को लागू करने में लगभग एक वर्ष लग सकता है, लेकिन इससे पहले अंतरिम उपायों को लागू करना सुनिश्चित किया जाएगा।

पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन के साथ पटना को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की यह पहल यात्रियों के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट राजीव रंजन