पटना।

बिहार सरकार ने स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल को समाज सेवा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्म विभूषण” के लिए अनुशंसा की है। आचार्य किशोर कुणाल, जो 1972 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, ने अपनी सेवा और जीवन को समाज कल्याण और धार्मिक उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।

उन्होंने महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से कई चैरिटेबल अस्पताल, कैंसर संस्थान, और धार्मिक परियोजनाओं की स्थापना की, जिसमें महावीर कैंसर संस्थान और महावीर वात्सल्य अस्पताल प्रमुख हैं। उनके प्रयासों से विराट रामायण मंदिर और देश के पहले महावीर बाल कैंसर अस्पताल का निर्माण भी प्रारंभ हुआ।

कुणाल ने अपने कार्यकाल में समाज के वंचित वर्गों को सशक्त करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक के रूप में उन्होंने बिहटा, बोधगया, पालीगंज, हाजीपुर, बेगुसराय, मुजफ्फरपुर और अन्य स्थानों पर कई प्रमुख मंदिरों में दलित पुजारियों की नियुक्ति की, जैसे दलित पुजारियों की नियुक्ति और मंदिर प्रबंधन में दलित समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देना। उन्होंने धार्मिक और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय छाप छोड़ी।

आचार्य किशोर कुणाल का पिछले वर्ष दिसंबर 2024 में हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनकी उपलब्धियां समाज सेवा और धर्म के क्षेत्र में प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। यदि उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाता है, तो यह उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने का प्रतीक होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट