
आरा (भोजपुर)।
स्थानीय शुभ नारायण नगर,मझौवां स्थित सम्भावना आवासीय उच्च विद्यालय में रोटरी क्लब आरा और मेदान्ता हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में छात्रों और शिक्षकों को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) ट्रेनिंग दी गई। स्कूल के छात्रों और शिक्षकों ने जीवन रक्षक कौशल सीखा।मंच संचालन रोटेरियन अवधेश पाण्डेय और अध्यक्षता रोटरी के अध्यक्ष राम कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान, छात्रों और शिक्षकों को सीपीआर के मूल सिद्धांतों और तकनीकों के बारे में सिखाया गया। उन्हें यह भी सिखाया गया कि कैसे एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने या दम घुटने पर सीपीआर दिया जा सकता है। सीपीआर एक महत्वपूर्ण कौशल है जो किसी भी व्यक्ति को जीवन रक्षक बना सकता है। इस मौके पर मेदांता हॉस्पिटल के इमरजेंसी कंसल्टेंट डॉ सैयद फैज अहमद ने बताया कि कार्डियक अटैक और कार्डियक डिजीज दोनों में भिन्नता है। उन्होंने सीपीआर का तरीका उपस्थित लोगों को सिखाया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मरीज को सेफ साइड लाकर ब्रीदिंग चेक करना है। फिर एक सेकेंड में 120 बार करना है हाथों को लॉक करके हर काउंटिंग के 30 सेकेंड के बाद पल्स चेक करना है और मुँह से सांस भी देना है। यह काम तबतक करना है जबतक इलाज के लिए कोई मेडिकल हेल्प वहाँ नही पहुंचता है। कार्डियक अरेस्ट लगातार धूप या भीड़ में खड़े रहने से आता है। इस मौके पर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ अमित जयसवाल ने कहा कि सीपीआर हीरो बनने का आसान तरीका है। दरसअल हम हार्ट बैठ जाने के कारण उसके पम्पिंग का काम अपने हाथ से करते हैं। ब्लड को मैनुअली ब्रेन तक पहुँचाने के लिए हाथ से पम्प कराते हैं। यह किसी को बचाने का आसन तरीका है। इसके लिए किसी यंत्र की जरूरत नही,आपका हाथ का हुनर ही काफी है। जिसके बाद अगर कोई बच जाए तो सामने वाले के लिए आप हीरो ही हैं। इस मौके पर डॉ सैफ ने खुद CPR डेमोंस्ट्रेशन भी कर के दिखाया। उसके बाद विद्यालय की प्राचार्या डॉ अर्चना सिंह और विद्यालय के बच्चों ने भी सीपीआर को खुद से किया। इस मौके पर डॉ मालती श्रीवास्तव ने ऐसे कार्यक्रम को स्कूल में आयोजित कराने के लिए धन्यवाद दिया।डॉ मनीष(दन्त चिकित्सक), अभिषेक कुमार जैन के साथ मेदान्ता टीम के कुंदन कुमार और सुमित कुमार के साथ विद्यालय के निदेशक डॉ कुमार द्विजेन्द्र व स्कूल की शिक्षक- शिक्षिकायें उपस्थित थे। प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
रिपोर्ट : देवाशीष
ब्यूरो रिपोर्ट :अनिल कुमार त्रिपाठी