
आरा (भोजपुर)।
शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के द्वारा वर्ष 2023 से विद्यालय में कक्षा 3 से लेकर 8 तक के वैसे कमजोर बच्चें जिन्हें भाषा गणित एवं अंग्रेजी के मूलभूत ज्ञान का अभाव है,उसको लेकर एक अभिनव कार्यक्रम चलाया जा रहा है,जिसे मिशन दक्ष के नाम से जाना जाता है।ऐसे बच्चों के लिए विद्यालय स्तर पर विशेष कक्षा का संचालन कराया जाता है, जिसमें प्रत्येक पांच बच्चे पर एक शिक्षक को नामित कर विशेष शिक्षा दी जाती है ताकि कक्षा में कमजोर बच्चों को अन्य बच्चों के समरूप खड़ा किया जा सके।

भोजपुर जिला अंतर्गत इस अभिनव प्रयास को जीवंत रखने के उद्देश्य से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा चंदन प्रभाकर, जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन के द्वारा प्रत्येक माह मिशन दक्ष कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को जिला स्तर पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है जिसके तहत आज दिनांक 30 अक्टूबर 2024 को भोजपुर जिला अंतर्गत सभी 14 प्रखंडों के 135 शिक्षकों को नागरी प्रचारिणी सभागार ,आरा में प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी चंदन प्रभाकर ने शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से सरकार की प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर इंस्पिरेशन के रूप में इस कार्यक्रम को सतत बनाए रखने का आवाहन किया एवं सभी सम्मानित होने वाले शिक्षकों से यह अपील की कि जिस प्रकार वह बेहतर प्रदर्शन कर नई किरण को प्रस्फुटित कर रहे हैं दूसरे शिक्षक भी इससे प्रेरणा लेकर कमजोर बच्चों को बेहतर स्थिति में लाने हेतु अग्रसर हो सके कार्यक्रम के दौरान सम्मानित होने वाले शिक्षकों में से बहुत सारे शिक्षक विशेष कर महिला शिक्षिकाओं ने अपने मिशन दक्ष के दौरान किए जाने वाले अभिनव कार्य एवं अपने अनुभव को साझा किया की किस प्रकार मिशन दक्ष से पहले बच्चे पढ़ने में असमर्थ थे।आज वही बच्चे वर्ग के अन्य सामान्य बच्चों के तरह अपने आपको पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। किस प्रकार मिशन दक्ष से पूर्व विद्यालय में कमजोर बच्चे अपने आप को हिन भावना से ग्रसित होकर विद्यालय तक छोड़ चुके थे लेकिन आज मिशन दक्ष से लाभान्वित होकर वैसे बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में आकर विद्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं इससे न केवल भोजपुर के गुणवत्ता शिक्षा में सुधार हुआ है अपितु कहीं ना कहीं यह कार्यक्रम भोजपुर में विद्यालयों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी सहायक साबित हुआ है।
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी