पटना।
पटना में गुरुवार को विद्युत भवन एक नई ऊर्जा से भरा नज़र आया, जब राज्य के शीर्ष बिजली अधिकारियों और स्मार्ट मीटरिंग एजेंसियों ने भविष्य की बिजली व्यवस्था पर मंथन किया। ऊर्जा विभाग के सचिव-सह-सीएमडी, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस एकदिवसीय कार्यशाला ने साफ संदेश दिया—डेटा ही शक्ति है, और स्मार्ट मीटर वही शक्ति राज्य की बिजली प्रणाली को देने वाले हैं।

सचिव ने बताया कि देश के कुल स्मार्ट मीटरों का 30 प्रतिशत अकेले बिहार में स्थापित है, जो राज्य को स्मार्ट बिजली प्रबंधन में अग्रणी बनाता है। उन्होंने एजेंसियों को दिसंबर 2025 तक कंज्यूमर टैगिंग के साथ सिस्टम मीटरिंग पूरी करने का निर्देश देते हुए कहा कि यह पहल बिजली चोरी रोकने, राजस्व संग्रहण बढ़ाने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने में निर्णायक साबित होगी। उन्होंने मीटरिंग एजेंसियों से केंद्रीयकृत, इंटरैक्टिव डैशबोर्ड तैयार करने पर भी जोर दिया, ताकि ओ एंड एम टीम को रियल-टाइम डेटा उपलब्ध हो सके और निर्णय-प्रक्रिया और अधिक वैज्ञानिक और तेज बने।

एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार और एनबीपीडीसीएल के एमडी राहुल कुमार ने भी स्मार्ट मीटरिंग के लाभ साझा किए। शहरी क्षेत्रों में 2019 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2023 से शुरू इस परियोजना ने बिजली चोरी में कमी, ऊर्जा लेखांकन में पारदर्शिता और वितरण नेटवर्क की निगरानी में उल्लेखनीय सुधार किया है। दोनों ने माना कि मीटरिंग एजेंसियों के अब तक के कार्य संतोषजनक हैं, लेकिन अधिष्ठापन की रफ्तार और बढ़ाने की जरूरत है। कार्यशाला में दोनों डिस्कॉम के अभियंता, राजस्व एवं ओ एंड एम टीमें, एसटीएफ और विभिन्न स्मार्ट मीटरिंग एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
ब्यूरो रिपोर्ट