बिहटा/पटना।

खेल की धूल, ताकत की टक्कर और जीत की गर्जना… बिहटा के पाण्डेयचक गांव का पटेल हॉल्ट मैदान सोमवार को कबड्डी के जज़्बे से गूंज उठा। स्थानीय युवाओं की मेहनत और जज्बे से आयोजित इस भव्य कबड्डी प्रतियोगिता ने न सिर्फ गांव बल्कि पूरे इलाके के खेल प्रेमियों में नई ऊर्जा भर दी। सुबह की पहली सीटी से लेकर रात के आखिरी मुकाबले तक, दर्शकों की तालियां और खिलाड़ियों के नारे लगातार मैदान में गूंजते रहे।

इस ऐतिहासिक आयोजन में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की कई टीमों ने हिस्सा लिया। पटना, दरभंगा, बेगूसराय, छपरा, भोजपुर, बक्सर, वैशाली, मोकामा, सिवान, मुजफ्फरपुर जैसे जिलों के खिलाड़ी जब मैदान में उतरे, तो हर छापे और हर टैकल पर भीड़ रोमांच से झूम उठी। कुल 51 टीमों के बीच जूनियर और सीनियर वर्ग में हुए मुकाबलों ने यह साबित कर दिया कि बिहार की मिट्टी में अभी भी खेल का जुनून उतना ही गहरा है, जितना पहले था।

आयोजन की कमान समाजसेवी निरंजन पाण्डेय ने संभाली, जबकि उनकी टीम में हिमांशु कुमार, ऋतिक पाण्डेय, अभी राजपूत, आयुष, हिमांशु सिंह, रौनी राजपूत, सुमित यादव और सुबोध पाण्डेय की मेहनत साफ झलक रही थी। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे एमएलसी जीवन कुमार, बिहटा बीडीओ, नगर परिषद अध्यक्ष प्रियंका कुमारी, बिहटा प्रमुख मालती देवी, समाजसेवी रिंकू सिंह, वार्ड पार्षद संजेश कुमार, भाजपा युवा नेता एडवोकेट रजनीश तिवारी और आरजेडी नेता चंद्रकांत यादव, पाण्डेयचक के ग्रामीणों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। सभी का स्वागत अंगवस्त्र से कर आयोजन समिति ने सम्मानित किया।

एमएलसी जीवन कुमार ने कहा—
“पाण्डेयचक गांव के युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और युवाओं को सकारात्मक दिशा देने का जरिया है। इस तरह का आयोजन गांव के हर बच्चे में आत्मविश्वास और अनुशासन की भावना भर देता है।”

नगर परिषद अध्यक्ष प्रियंका कुमारी ने कहा—
“ग्रामीण स्तर पर इतने बड़े और व्यवस्थित कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन देखना गर्व की बात है। पाण्डेयचक के युवाओं ने टीमवर्क और मेहनत का जो उदाहरण पेश किया है, वह पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा है।”

बीडीओ चंदा देवी ने कहा—
“ग्रामीण युवाओं द्वारा इतनी बड़ी खेल प्रतियोगिता का आयोजन करना बताता है कि हमारे गांवों में प्रतिभा और संगठन क्षमता की कोई कमी नहीं है। यह पहल खेल संस्कृति को मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।”

भाजपा युवा नेता एडवोकेट रजनीश कुमार ने कहा—
“पाण्डेयचक के युवाओं ने दिखा दिया कि अगर इरादा मजबूत हो तो संसाधनों की कमी भी बाधा नहीं बन सकती। यह आयोजन आने वाले समय में कई और गांवों को खेल के प्रति प्रेरित करेगा।”

फाइनल मुकाबले में कबड्डी का असली रोमांच देखने को मिला। विशुनपुरा की टीम ने दमदार खेल दिखाते हुए बिहटा को हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। दूसरे स्थान पर बिहटा की टीम रही, जबकि तीसरा स्थान छपरा के मरौढ़ा ने अपने नाम किया। विजेता टीम को बिहटा थाना प्रभारी कृष्णा कुमार ने शिल्ड देकर सम्मानित किया, वहीं दूसरे और तीसरे विजेता को पाण्डेयचक गांव के प्रबुद्धजनों के साथ निरंजन पाण्डेय ने शिल्ड देकर सम्मानित किया। खिलाड़ियों के चेहरे पर जीत की चमक और हारने वालों में अगले साल जीत की कसम—दोनों ने मिलकर इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।

यह प्रतियोगिता सिर्फ खेल नहीं थी, बल्कि एक संदेश भी था—कि बिहार का युवा चाहे गांव में हो या शहर में, अगर मेहनत, एकता और खेल भावना हो तो वह किसी भी मंच पर चमक सकता है। पाण्डेयचक की यह पहल अब एक मिसाल बन चुकी है, जो आने वाले वर्षों में और भी बड़े और भव्य आयोजनों की प्रेरणा बनेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट