पटना।

पारस एचएमआरआई अस्पताल में रविवार को एक विशेष कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यभर से आए करीब 50 कैंसर विजेताओं (सर्वाइवर्स) को सम्मानित किया गया। “उम्मीद के सितारे” शीर्षक से आयोजित हेल्थ टॉक के दौरान, कैंसर को हराने वाले मरीजों ने अपनी संघर्षगाथा साझा की। उनके परिजनों ने भी इस कठिन यात्रा के अनुभवों को प्रस्तुत किया।

शिविर में सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर अस्पताल के अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने कैंसर के लक्षण, स्क्रीनिंग और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कैंसर से उबर चुके कुछ मरीजों ने बताया कि बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी न होने के कारण वे समय पर इलाज नहीं करा सके। हालांकि, पारस एचएमआरआई के विशेषज्ञ डॉक्टरों के उचित उपचार से वे एक नई जिंदगी जी रहे हैं।

कार्यक्रम में कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. शिवशंकर मिश्रा ने कहा कि कैंसर अब लाइलाज नहीं है, बशर्ते कि समय पर उचित इलाज मिले। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सही समय पर उपचार मिलने से कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

अस्पताल के जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि पारस एचएमआरआई कैंसर जागरूकता को लेकर निरंतर प्रयासरत है और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कैंसर पर खुलकर चर्चा नहीं होती, जबकि इसके लक्षण, कारण और उपचार को लेकर व्यापक संवाद आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में हॉस्पिटल के कैंसर रोग विभाग के कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. रुपेश कुमार सिंह और कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. मोशर्रत शाहीन सहित अनेक चिकित्सक एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

पारस एचएमआरआई: बिहार में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा का प्रतीक

पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना ने 2013 में अपनी सेवाएँ शुरू की थीं। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है, जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। 2016 में इसे एनएबीएच से मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल बनने का गौरव प्राप्त हुआ। वर्तमान में इसकी बेड क्षमता 350 है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।

यह जागरूकता शिविर कैंसर के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने और समय पर सही उपचार प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा।

ब्यूरो रिपोर्ट