
पटना।
पिछले 12 वर्षों से बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेलवे लाइन के निर्माण की मांग को लेकर औरंगाबाद, अरवल और पाटलिपुत्र क्षेत्र की जनता लगातार संघर्ष कर रही है। इसी सिलसिले में रेलवे संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव के नेतृत्व में रेल मंत्री के नाम 1000 पोस्टकार्ड एवं दो सूत्री मांग पत्रों का ज्ञापन रेल मंत्रालय को सौंपा गया।
धरना स्थगित, लेकिन संघर्ष जारी:
नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर इस मुद्दे को लेकर एक बड़ा धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाना था, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। इसके बावजूद, संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली स्थित रेल भवन पहुंचकर रेल मंत्रालय को ज्ञापन सौंपने का कार्य किया। इस ज्ञापन में मांग की गई कि इस महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और आगामी रेल बजट में इसके लिए पूरी राशि आवंटित की जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने रखी जनता की मांग:
ज्ञापन सौंपने के दौरान रेलवे संघर्ष समिति के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव, सहसंयोजक मंटू यादव, अजय कुमार गुप्ता, सिद्धार्थ कुमार सहित दर्जनों लोग शामिल थे। इस दौरान उन्होंने अरवल, औरंगाबाद, बिहटा एवं पाटलिपुत्र क्षेत्र की जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का कार्य किया।
सांसदों से भी किया आग्रह:
मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक इस रेलवे परियोजना पर ठोस कार्यवाही नहीं होती। उन्होंने चारों सांसदों से भी अनुरोध किया है कि वे आगामी बजट सत्र में इस रेलवे लाइन की मांग को प्रमुख मुद्दे के रूप में संसद में उठाएं और सरकार से इसके लिए बजट आवंटित करवाने का प्रयास करें।
जनता का 12 वर्षों से जारी संघर्ष:
गौरतलब है कि बिहटा-अरवल-औरंगाबाद रेलवे लाइन को लेकर जनता पिछले 12 वर्षों से संघर्षरत है। यह रेलवे लाइन इस क्षेत्र के लाखों लोगों की जीवनरेखा बन सकती है और इसके निर्माण से आर्थिक एवं सामाजिक विकास को गति मिलेगी। जनता की यह मांग है कि सरकार इस परियोजना को प्राथमिकता दे और जल्द से जल्द इसे धरातल पर उतारे।
रेलवे संघर्ष समिति ने साफ कर दिया है कि यदि जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
रिपोर्ट शशांक मिश्रा