पटना।

बिहार में सर्दी के मौसम के दौरान ग्रिड उपकेंद्रों के अनुरक्षण का कार्य तेज़ी से जारी है। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों के अभियंताओं ने बीते महीने 116 ग्रिड उपकेंद्रों में लगभग 303 पावर ट्रांसफार्मरों और संबंधित विद्युत उपकरणों का प्रिवेंटिव मेंटेनेंस पूरा किया है। शेष उपकेंद्रों पर कार्य प्रगति पर है। बदलते मौसम में उपभोक्ताओं को सुरक्षित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह अनुरक्षण आवश्यक है।

सुरक्षित और विश्वसनीय संचालन पर जोर
कंपनी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ग्रिड उपकेंद्रों के उपकरणों का नियमित निरीक्षण किया जाता है ताकि उनकी कार्यक्षमता बनी रहे, संभावित समस्याओं की पहचान हो और किसी भी खराबी को तुरंत दूर किया जा सके। आमतौर पर, यह रखरखाव कार्य सर्दियों में किया जाता है ताकि गर्मी के दौरान बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे।

सर्दियों में अनुरक्षण कार्य क्यों ज़रूरी?
ठंड के मौसम में बिजली की मांग अपेक्षाकृत कम रहती है, जिससे मेंटेनेंस का काम बिना किसी बड़े व्यवधान के किया जा सकता है। यह कार्य हर साल छठ पूजा के बाद शुरू किया जाता है, क्योंकि इस दौरान विद्युत भार गर्मी की तुलना में काफी कम होता है। गर्मी में बिजली की खपत बढ़ने के कारण मेंटेनेंस कार्य करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

मेंटेनेंस में क्या शामिल है?
ग्रिड उपकेंद्रों पर अभियंताओं द्वारा एसएलडीसी से ट्रांसफार्मर का शटडाउन लेकर मेंटेनेंस किया जाता है। इस दौरान—
ट्रांसफार्मर के नट-बोल्ट कसने, ट्रांसफार्मर बॉडी और बुश की सफाई, तेल के रिसाव की मरम्मत, सिलिका जेल की जांच, ऑयल टैंक में तेल स्तर की जांच, कंट्रोल पैनल में स्विच, वोल्टमीटर, और अमीटर की सफाई एवं जांच जैसे कार्य किए जाते हैं।


इसके अलावा, संचरण लाइनों की टावर-टू-टावर पेट्रोलिंग की जाती है, जिसमें—

जंपर टाइटनिंग, मिसिंग टावर मेंबर की स्थापना, टावर पर उग आई झाड़ियों और बेलों को हटाने जैसे कार्य शामिल होते हैं।

यह नियमित अनुरक्षण कार्य बिहार में बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता और दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आगामी गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह तैयारी आवश्यक है।

ब्यूरो रिपोर्ट