पटना।
पटना प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पटना शहर की परिवहन व्यवस्था को अधिक सुरक्षित, व्यवस्थित एवं जाम-मुक्त बनाने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में यातायात विभाग, नगर निगम, पुलिस प्रशासन, परिवहन प्राधिकरण एवं ऑटो-ई-रिक्शा संघों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

आयुक्त ने कहा कि पटना में सुगम यातायात सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसे प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ओवरलोडिंग और अवैध वाहनों के खिलाफ नियमित रूप से विशेष अभियान (स्पेशल ड्राइव) चलाया जाए, जिससे अनियंत्रित वाहन परिचालन को रोका जा सके।


यातायात सुधार के लिए दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश:

1. ट्रैफिक जाम एवं अतिक्रमण पर सख्ती
नियमित रूप से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए।

वेंडिंग जोन एवं नो-वेंडिंग जोन चिन्हित कर उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए।

अनावश्यक सड़क कटाव (U-turns) बंद किए जाएं ताकि यातायात प्रवाह बाधित न हो।

नो-पार्किंग जोन में पार्किंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

प्रमुख चौकों और सड़कों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में उल्लंघन करने वालों की पहचान कर उन पर आर्थिक दंड लगाया जाए।


2. सार्वजनिक परिवहन को सुव्यवस्थित बनाना
ई-रिक्शा एवं ऑटो रिक्शा के संचालन को अधिक सुचारू बनाने के लिए नियमों के तहत परिचालन सुनिश्चित किया जाए।

बस स्टॉप एवं ऑटो पार्किंग स्थलों का उचित चिन्हीकरण एवं निर्माण किया जाए।

पटना मेट्रो परियोजना को गति देने और इसके माध्यम से यातायात का बोझ कम करने पर जोर दिया जाए।


3. तकनीकी समाधान एवं स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

415 से अधिक स्थानों पर लगे 3,300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का उपयोग ट्रैफिक उल्लंघन की निगरानी और कार्रवाई के लिए किया जाए।

ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (RLVD), ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) और स्पीड वायलेशन डिटेक्शन (SVD) कैमरों को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाए।


4. प्रमुख यातायात बाधाओं पर विशेष ध्यान
बैठक में पटना के प्रमुख जाम प्रभावित क्षेत्रों जैसे: राजेंद्र नगर टर्मिनल, कारगिल चौक, राजा बाजार, सिपारा पुल, बैरिया, पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, अशोक राजपथ और नेहरू पथ फ्लाईओवर पर यातायात सुधार की रणनीति पर चर्चा हुई।

यहां मल्टीलेवल पार्किंग, सड़क चौड़ीकरण, अवैध बस-स्टॉप हटाने और वैकल्पिक मार्गों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विचार किया गया।


यातायात प्रबंधन से पटना को “स्मार्ट सिटी” बनाने की दिशा में प्रयास

आयुक्त ने कहा कि पटना को यातायात जाम और प्रदूषण से मुक्त बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। यह शहर न केवल बिहार की राजधानी है बल्कि पूर्वी भारत का एक प्रमुख व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र भी है। अतः यहां की यातायात व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से मजबूत बनाना आवश्यक है।

उन्होंने उदाहरण दिया कि जिस तरह दिल्ली मेट्रो ने वहां की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव किया, उसी तरह पटना में भी मेट्रो परियोजना को एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जाना चाहिए।

आयुक्त ने कहा कि वाहनों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण ट्रैफिक दबाव भी बढ़ रहा है। यदि हम यातायात प्रबंधन को सही तरीके से लागू करें, तो सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और लोगों को सुगम यात्रा का लाभ मिल सकता है।

बैठक में लिए गए कुछ अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:

जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अवैध बस-ऑटो ठहराव, अवैध पार्किंग और ओवरस्पीडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

सड़क किनारे सही ढंग से साइनेज (Signage) लगाने पर बल दिया गया ताकि यातायात नियमों की स्पष्ट जानकारी लोगों को मिले।

पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए यातायात जागरूकता को बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में उपस्थित अधिकारी एवं अन्य गणमान्य

बैठक में पुलिस अधीक्षक (यातायात), सचिव (क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार), अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था), अपर नगर आयुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी, ऑटो एवं ई-रिक्शा संघों के प्रतिनिधि सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

इस बैठक में पटना शहर की यातायात समस्याओं को दूर करने के लिए कई ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि यातायात नियमों का पालन कराने में कोई कोताही न बरती जाए।

पटना को एक सुगम, सुरक्षित और आधुनिक यातायात व्यवस्था से युक्त स्मार्ट शहर बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

ब्यूरो रिपोर्ट