
पटना।
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जो इस साल 14 जनवरी 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, जिसे देवताओं का दिन माना जाता है। मकर संक्रांति से खरमास समाप्त होता है और शुभ कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, और मुंडन के लिए मुहूर्त प्रारंभ होते हैं।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त:
संक्रांति का समय: सुबह 9:03 बजे
महा पुण्य काल: सुबह 9:03 से 10:48 बजे
पुण्य काल: सुबह 9:03 से शाम 5:46 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 से 6:21 बजे
स्नान का महत्व और विधि:
मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन माघ मास की शुरुआत होती है। प्रयागराज के संगम में स्नान को मोक्षदायक माना गया है।
स्नान विधि:
1. स्नान के लिए महा पुण्य काल में पानी में गंगाजल मिलाएं।
2. पानी में थोड़े से काले तिल डालें।
3. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और उनकी पूजा करें।
4. सामर्थ्य अनुसार दान करें, जैसे तिल, गुड़, कंबल, अन्न या वस्त्र।
दान और पूजा का महत्व:
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा से जीवन में सकारात्मकता आती है। इस दिन किया गया दान कई गुना पुण्य देता है। तिल-गुड़, वस्त्र और अन्न का दान इस पर्व की परंपरा है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से सुख-समृद्धि और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि संगम पर स्नान संभव न हो, तो घर पर ही गंगाजल से स्नान कर पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट