पटना।
बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रभावी क्रियान्वयन और कोचिंग संस्थानों की गुणवत्ता एवं सुरक्षा मानकों के अनुपालन को लेकर जिला प्रशासन, पटना द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल को दर्शाता है। जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर चर्चा और निर्णय लिए गए।



1. आवेदन एवं निबंधन की स्थिति:

कुल 936 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें 413 को पहले ही निबंधित किया जा चुका है। 138 आवेदन जाँच के बाद अस्वीकृत कर दिए गए, जिनकी सूची अनुमंडल पदाधिकारियों को सौंपी जाएगी। शेष 385 आवेदनों की जाँच चल रही है, जिनमें से 350 का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है।

2. निबंधन की प्रक्रिया:

350 आवेदनों में से 247 कोचिंग संस्थान संचालन में नहीं पाए गए। 97 कोचिंग संस्थानों को निबंधन की स्वीकृति दी गई। शेष संस्थानों का निबंधन प्रमाण-पत्र फायर एनओसी अद्यतन होने के बाद निर्गत किया जाएगा।

3. सुरक्षा मानकों का पालन:

प्रशासन द्वारा 600 से अधिक कोचिंग संस्थानों की जाँच कराई गई। वर्ग कक्ष में न्यूनतम 1 वर्ग मीटर प्रति छात्र स्थान, निर्बाध प्रवेश और निकास, और अग्नि सुरक्षा मानकों का अनुपालन अनिवार्य है।

4. कानूनी प्रावधान और दंड:

अधिनियम का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध पर ₹25,000 और द्वितीय अपराध पर ₹1,00,000 का जुर्माना लगेगा। बार-बार उल्लंघन की स्थिति में निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।

5. समन्वय और उत्तरदायित्व:

अनुमंडल पदाधिकारियों को अवैध संचालन पर निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए गए। नियमित बैठकों और ऑनलाइन पोर्टल के विकास पर बल दिया गया।

6. विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि:

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा मानकों में कोई समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। कोचिंग संस्थानों को मानकों के अनुरूप संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह बैठक पटना जिले में कोचिंग संस्थानों की पारदर्शिता, जवाबदेही, और विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव