
आरा (भोजपुर)।
स्थानीय शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के रजत जयंती के दो दिवसीय समारोह का आगाज गुरुवार को धूमधाम से हुआ। रजत जयंती समारोह का उद्घाटन आरा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य अतिथि पूर्व सह थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सिंह, विशिष्ट अतिथि वीर कुंवर सिंह वि वि के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेंद्र तिवारी, कर्नल राणा प्रताप सिंह (सेनि), निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र, प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रथम दिन वर्ग प्री प्राइमरी से लेकर 5 तक के बच्चे समारोह में शामिल हुए। संचालन वरीय शिक्षक अरविंद ओझा, छात्र आलोक अतुल्य एवं छात्रा साक्षी राज ने किया।

इस मौके पर अतिथियों द्वारा बच्चों द्वारा निर्मित कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का स्वावलोकन किया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा विद्यालय की स्मारिका “प्रतिबिंब” का विमोचन किया गया। इस अवसर पर आरा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि देश की शिक्षा पद्धति पुरातन रही है।इस विद्यालय में कला, साहित्य और विज्ञान का समागम दिखाई दे रहा है। मुख्य अतिथि पूर्व सह थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सिंह ने कहा कि कैरेक्टर बिल्डिंग के लिए शिक्षा पद्धति को संभालना होगा। शिक्षा ही सभी चीजों की नींव है। विशिष्ट अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि पुरातन संस्कृति में वर्णित है कि वह पुत्री जो अपने दोनों वंश को पवित्र कर देती है। इसका उदाहरण विद्यालय के प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह है। भारत के ऋग्वैद्र को साधने का प्रयास इस विद्यालय के शिक्षण कार्य में दिखता है। विद्यालय की शिक्षा वहां के छात्र-छात्राओं से पहचानी जाती है। उन्होंने बच्चों के कला एवं शिल्प प्रदर्शनी की जमकर प्रशंसा की, कहा कि आज सभी देश के लोग दुविधा में है। जहां सुविधा है, वही दुविधा है। इसलिए बच्चों को सुविधाभोगी नही बनाएं। विद्या का मतलब सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि चरित्र का निर्माण होता है। संभावना प्रतीक का पहचान है। सैन्य संतुलित संविधान का नाम संभावना है। आने वाले समय में स्वच्छ नागरिक बनाने में यह विद्यालय सक्षम होगा। साधना में शक्ति है। निश्चित रुप से विद्यालय आने वाले समय में महाविद्यालय नहीं बल्कि विश्व विद्यालय बनेगा। कर्नल राणा प्रताप सिंह (सेनि) ने कहा कि विद्यालय दिन-प्रतिदिन प्रगति के पथ की ओर अग्रसर है, उन्होंने बच्चों के भी बच्चों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रशंसा की।

निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि 45 दिवसीय कार्यशाला में बच्चों ने प्रयोग कर सिखा है।इसके बाद अपनी परफॉर्मेंस दी है। इसके लिए कला शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों की मेहनत का परिणाम है, उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे शिक्षक, शिक्षिका,शिक्षणेत्तर कर्मचारियों समेत अन्य को धन्यवाद दिया। प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि बच्चों में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है। जरूरत है, उन्हें समय पर निखारने की। सुविधा देना गलत नहीं है,लेकिन बच्चे को सुविधाभोगी बनाना गलत है।वर्तमान परिवेश में बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि वे हरेक परिस्थिति में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें। विभिन्न विधाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को मोमेंटो और प्रशस्ति-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। दौरान विद्यालय की छात्र-छात्राओं ने अपनी कलाकारी दिखाई। राजस्थानी लोक नृत्य “घूमर”,सड़क सुरक्षा जीवन के लिए होती है….” पर आधारित गीत तथा नाटक “अंधेर नगरी चौपट राजा…” का मंचन सहित एक से बढकर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम से हुआ। इस अवसर पर कवि जनार्दन मिश्र, डाॅ.किरण कुमारी, डाॅ. मनीष तिवारी,श्रीकांत राय,उप प्राचार्य ऋषिकेश ओझा, शिक्षक सहदेव सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
रिपोर्ट:देवाशीष
ब्यूरो रिपोर्ट :अनिल कुमार त्रिपाठी