पटना।

महावीर कैंसर संस्थान में बाल चिकित्सा कैंसर फाइटर्स का हौसला बढ़ाने के लिए ‘उमंग” सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा० अनिता सिंह, प्रख्यात स्त्रीरोग विशेषज्ञ, डा० अमुल्य कुमार सिंह, निदेशक, अक्षत सेवा सदन, संस्थान के निदेशक (प्रशासन) डा० बी० सन्याल, चिकित्सा निदेशक डा० मनीषा सिंह एवं एसोसियेट निदेशक डा० विनीता त्रिवेदी ने सम्मिलित रूप से किया.वहीं कई कैंसर फाइटर्स ने नृत्य गीत प्रस्तुत कर सबको आह्लादित कर दिया.संस्थान के चिकित्सकों, नर्सों एवं अन्य कर्मियों द्वारा बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए नृत्य एवं संगीत पेश किये गये. गायन की प्रस्तुति डा० विनीता त्रिवेदी एवं डा० राणा सिंह द्वारा की गयी.कार्यक्रम में बच्चों ने अपने-अपने हाथों में प्ले कार्ड पर कैंसर फाइटर्स से जुड़े स्लोगन के जरिये वहां उपस्थित लोगों का हौसला बढ़ाया तथा खूबसुरत नृत्य एवं संगीत पेश किये जिसके लिए सबों ने कैंसर फाइटर्स की भूरी-भूरी प्रशंसा किये.


      प्रख्यात स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा० अनिता सिंह ने कहा कि अपने देश के 4000 बच्चे किसी न किसी कैंसर से जरूर ग्रसित हो जाते हैं लेकिन खुशी की बात ये है कि 80 प्रतिशत बच्चों का कैंसर ठीक हो जाता है अगर उनका इलाज सही समय से हो जाये. महावीर कैंसर संस्थान में बाल चिकित्सा कैंसर फाइटर्स का बहुत ही अच्छे ढंग से ख्याल रखा जाता है और उन्हें घर जैसा माहौल दिया जाता है यह बहुत ही खुशी की बात है.


         संस्थान की चिकित्सा निदेशक एवं कीमोथिरैपी विभाग की प्रमुख डा० मनीषा सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यदि हौसला रखा जाय तो कैंसर को मात दिया जा सकता है. आज का ‘उमंग’ कार्यक्रम बाल चिकित्सा कैंसर फाइटर्स में हौसला पैदा करने के लिये ही आयोजित की गयी है.उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाजग्रस्त बच्चे का इलाज के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक उत्साह बनाये रखने का हमारा यह प्रयास उनके चेहरे पर मुस्कान लाना है. इससे कैंसर से जूझते बच्चों का थोड़ा दर्द बांटना और उनके परिवारजनों को खुशी के क्षण साझा करना भी हमारा उद्देश्य है.पिछले कई वर्षों से 18 साल तक के बच्चों का निःशुल्क इलाज के साथ-साथ खाना-पीना, पढ़ाई-लिखाई, खेद-कूद इत्यादि की सुविधा दी जाती है. संस्थान में उपचार के साथ इन्हें शुरू से ही यही शिक्षा दी जाती है कि कैंसर से डरना नहीं है, कैंसर से लड़ना है.
संस्थान के निदेशक (प्रशासन) डा० विश्वजीत सन्याल ने कहा कि इस संस्थान में इलाज करा रहे हमारे बच्चे काफी बहादुर हैं.मैं इनकी जितनी प्रशंसा करू, बहुत कम होगा.डा० सन्याल ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखें, अगर शरीर में ज्यादे दिनों तक किसी तरह का परिवर्तन दिखे तो तत्क्षण अपने डाक्टर से सम्पर्क करें.
इस मौके पर रेडियोथिरैपी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं एसोसियेट निदेशक डा० विनीता त्रिवेदी ने भजन प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया. डा० विनीता त्रिवेदी के निर्देशन में एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गयी जिसमें रेडियोथेरेपी विभाग के चिकित्सकों ने भाग लिया.इस नाटक का मुख्य उद्देश्य अगर बच्चे बीमार पड़े तो उसे किसी योग्य चिकित्सक से दिखायें.खासतौर पर अगर किसी बच्चे में कैसर का पता चले तो नीम हकीम और ओझा गुणी के चक्कर में न पड़कर किसी अच्छे कैंसर संस्थान में उसका इलाज करावें.
कार्यक्रम में विभिन्न स्वंयसेवी संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारीगण, इलाज करा रहे मरीज के साथ-साथ उनके परिजन तथा संस्थान के वरीय चिकित्सकों डा० सुबोध कुमार सिन्हा, डा० ऋचा चौहान, डा० उषा सिंह, डा० रीता रानी, डा० मुकुल मिश्रा आदि के अलावे सैकड़ों लोगों ने भी भाग लिया. पूरे कार्यक्रम का संचालन संस्थान की डायटिसियन हिना ने किया.

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव