पटना।

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि बिहार का किसान मेहनती और सक्षम है, बस उसकी क्षमता को सही दिशा देने और निखारने की ज़रूरत है। उन्होंने किसानों से अपील की कि जो भी नया ज्ञान या प्रशिक्षण उन्हें मिले, उसे आपस में साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि पशुपालन में छोटे और किफायती प्रयोगों से शुरुआत कर धीरे-धीरे आधुनिक तकनीक की ओर बढ़ना ही समझदारी है।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने किसानों को हरे चारे का प्रबंधन, खनिज मिश्रण का उपयोग, आहार में विषैले तत्वों से बचाव और रिकॉर्ड रखने की आदत जैसे मुद्दों पर जागरूक किया। डॉ. इन्द्रजीत ने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान (AI), भ्रूण प्रत्यारोपण (ETT) और आईवीएफ (IVF) जैसी तकनीकें पशुधन की नस्ल सुधार में वरदान साबित हो सकती हैं, जिससे डेयरी उद्योग और किसानों की आय दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. निर्मल सिंह दहिया ने कहा कि बिहार पशुपालन में लगातार प्रगति कर रहा है और अगर किसानों को सही मार्गदर्शन मिले तो यह राज्य जल्द ही देश में अग्रणी बन सकता है। उन्होंने खासकर महिलाओं की भूमिका को सराहते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान पशुपालन से और भी सशक्त हो रहा है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव