
पटना।
राजधानी पटना और आसपास के फुलवारी शरीफ, खगौल, दानापुर सहित तमाम शहरी व ग्रामीण इलाकों में बुधवार देर शाम हुई भारी बारिश ने नगर परिषद और पटना नगर निगम के तमाम दावों की पोल खोल दी. मूसलाधार बारिश के बाद सड़कों और गलियों में जलजमाव हो गया. निचले इलाकों के घरों-दुकानों में पानी घुस गया और आमजन बेहाल हो उठे.लोगों ने बताया कि बारिश के पानी की निकासी पहले नालों के जरिए आसानी से हो जाती थी, लेकिन अब नालों को ढलाई कर बंद कर दिए जाने से जल निकासी बाधित हो रही है. इसी कारण थोड़ी देर की बारिश के बाद ही निचले इलाकों में जलजमाव हो जाता है और घरों में पानी घुस जाता है. पटना खबर मुख्य मार्ग पर भारी बारिश के चलते घुटने भर पानी जमा हो गया. पूरा नेशनल हाईवे 98 झील सी हो गई. सड़क नदी लगने लगी और सड़क पर लंबा जाम लग गया.

राजधानी पटना और आसपास के फुलवारी शरीफ, खगौल, दानापुर के गोला रोड, रामजयपाल नगर, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र जंक्शन के पास गांधीनगर, नेपाली नगर, राजीवनगर सहित शहरी और ग्रामीण इलाकों में बुधवार देर शाम भारी बारिश हुई. कई घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से सड़कें और गलियां तालाब में तब्दील हो गईं. निचले इलाकों में लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.फुलवारी शरीफ के साकेत बिहार, अनिसाबाद पेट्रोल पंप, अरुण नगर के सामने, महावीर कैंसर संस्थान रोड, सदर बाजार रोड, चुनौती कुमार रोड, शहीद भगत सिंह चौक, नया टोला, पटना एम्स रोड, वाल्मी के पास सहित कई इलाकों में घुटनों से ऊपर पानी भर गया. पटना एम्स के मुख्य द्वार से लेकर नया टोला वाल्मीकि और फुलवारी शरीफ सहित भगत सिंह चौक चुनौती कुआं सदर बाजार रोड में भारी जल जमा हो गया जिसके चलते यहां भी लंबा जाम लग गया.
लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर परिषद और नगर निगम हर साल मॉनसून से पहले ड्रेनेज की सफाई और नालों की मरम्मत का दावा करता है, लेकिन हकीकत इसके उलट है. सफाई और तैयारी के नाम पर महज दिखावा किया जाता है. यदि सही तरीके से नालों की सफाई होती तो थोड़ी-सी बारिश में ही सड़कें झील न बनतीं.
स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाया कि आखिर निगम की रणनीति क्या है और तैयारी कैसी होती है, जब हर बार बारिश के साथ शहर जलजमाव की समस्या से जूझता है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण हर साल बरसात में उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव