
पटना।
बिहार सरकार की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीति के तहत लखीसराय के कजरा में देश की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage System – BESS) की स्थापना तेजी से हो रही है। 1232 एकड़ भूमि पर तैयार की जा रही यह महत्वाकांक्षी परियोजना दो चरणों में पूरी की जा रही है, जिसमें सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पीक आवर्स में निर्बाध और किफायती बिजली उपलब्ध कराना है।
पहले चरण में 689 एकड़ भूमि पर 185 मेगावाट (एसी) सौर ऊर्जा और 254 मेगावाट आवर बैटरी भंडारण क्षमता वाली परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। इस सिस्टम के तहत 45.4 मेगावाट बिजली चार घंटे तक स्टोर कर उपयोग की जा सकेगी। इस चरण के लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (L&T) को क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में चुना गया है। 1570 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का लक्ष्य दिसंबर 2025 है, लेकिन विभाग इसे अगस्त 2025 तक ही पूरा करने को तैयार है। अब तक दो लाख सोलर पैनल और 81 बैटरी कंटेनर स्थापित किए जा चुके हैं।
दूसरे चरण में लगभग 400 एकड़ क्षेत्रफल (घनी वनस्पति को छोड़कर) में 116 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और 241 मेगावाट आवर की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का निर्माण होगा, जिसमें 50.5 मेगावाट बिजली चार घंटे तक स्टोर की जा सकेगी। इस चरण की अनुमानित लागत 880.27 करोड़ रुपये रखी गई है और इसमें भी L&T को ही कार्य का जिम्मा सौंपा गया है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह परियोजना राज्य को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी। वहीं ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसे “बिहार के लिए मील का पत्थर” बताया। बीएसपीजीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार ने बताया कि सभी कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुसार हो रहे हैं। कुल मिलाकर 301 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और 495 मेगावाट आवर की बैटरी भंडारण क्षमता के साथ यह प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा सिस्टम बनने जा रहा है, जो बिहार के औद्योगीकरण और Renewable Purchase Obligation (RPO) की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट