
पटना।
पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच), पटना की रोगी कल्याण समिति की शासी निकाय की बैठक का आयोजन शुक्रवार को एनएमसीएच परिसर स्थित नवनिर्मित स्किल सेंटर के सभागार में किया गया। बैठक में आयुक्त ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता नागरिकों को सुगम, विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है। मरीजों की भारी संख्या को देखते हुए एनएमसीएच का पुनर्विकास कर बेड की संख्या 1089 से बढ़ाकर 2500 करने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर बिहार की दिशा में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है।
बैठक में आयुक्त डॉ. सिंह ने अस्पताल में प्रतिदिन इलाजरत 1500-2000 मरीजों की संख्या और वार्षिक 10 लाख से अधिक पैथोलॉजी जांच का उल्लेख करते हुए संस्थान की कार्यप्रणाली की सराहना की। उन्होंने बीएमएसआईसीएल के उप महाप्रबंधक को निर्देश दिया कि अस्पताल अधीक्षक के साथ समन्वय कर लंबित निर्माण कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करें। आपातकालीन विभाग से मुख्य द्वार तक की सड़क, सिंगल एंट्री प्वाइंट, समुचित मेंटेनेंस, सुरक्षा व्यवस्था एवं एक्सेस कंट्रोल के संबंध में भी कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में यह भी सामने आया कि एनएमसीएच परिसर में अज्ञात लोगों द्वारा अवैध भवन निर्माण किया जा रहा है, जिससे अस्पताल की सुरक्षा एवं रोगियों को असुविधा हो रही है। इस पर आयुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी को अविलंब अवैध निर्माण रोकने और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने बायोमेडिकल वेस्ट के डंपिंग यार्ड का निर्माण 10 दिनों में पूरा करने, वैज्ञानिक तरीके से मेडिकल वेस्ट का पृथक्करण एवं निष्पादन सुनिश्चित करने तथा पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन अपनाने के निर्देश दिए।

अधीक्षक एनएमसीएच ने बैठक में 1 जनवरी 2025 से 31 मई 2025 तक की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि इस अवधि में 2,47,500 ओपीडी मरीजों का इलाज, 17,969 आईपीडी भर्ती, 3,32,094 पैथोलॉजी जांच, 21,133 आपातकालीन ओपीडी सेवा, 2,313 एमआरआई (पीपीपी मोड), 5,783 सीटी स्कैन, 32,514 यूएसजी तथा 44,046 एक्स-रे किए गए। इस दौरान 3,946 मेजर और 3,676 माइनर सर्जरी की गईं। सभी सेवाएं अस्पताल में एक्स-रे, मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड, माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट सहित अन्य आधुनिक जांच सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं।
बैठक में एनएमसीएच के अधीक्षक, प्राचार्य, क्षेत्रीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं), बीएमएसआईसीएल के उप महाप्रबंधक सहित रोगी कल्याण समिति के सदस्य उपस्थित थे। आयुक्त ने अधीक्षक को अस्पताल परिसर में पेयजल, शौचालय, गुणवत्तापूर्ण भोजन, दवाओं की उपलब्धता, सीसीटीवी निगरानी, रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति एवं स्थायी एटीएम की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी अधिकारियों को संवेदनशीलता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों की संतुष्टि और सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार ही सरकार का लक्ष्य है।
ब्यूरो रिपोर्ट