पटना।बिहार की राजधानी पटना ने 11 जून 2025 को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के पहले डबल डेकर फ्लाईओवर का उद्घाटन कर राजधानीवासियों को यातायात जाम से राहत का नया मार्ग सौंपा। कारगिल चौक पर आयोजित भव्य समारोह में सीएम ने जैसे ही फीता काटा, फ्लाईओवर जनता के लिए खोल दिया गया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और सांसद रविशंकर प्रसाद समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे।

करीब 422 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2.2 किमी है। यह दो स्तरों में बना है—निचला हिस्सा पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक 1.5 किमी लंबा है, जबकि ऊपरी लेवल कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक फैला हुआ है। लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे फ्लाईओवर का निरीक्षण भी किया और पीएमसीएच से इसकी कनेक्टिविटी को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना को शहरी विकास की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से जाम से जूझ रहे अशोक राजपथ पर अब ट्रैफिक की बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनवरी 2022 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का चुनावी साल में पूरा होना सरकार की विकासपरक नीयत का प्रमाण है, जिससे राज्य की राजनीति को नई दिशा मिलेगी।

इस मौके पर ग्रेटर पटना फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह परियोजना “न्याय के साथ विकास” की मिसाल है। फाउंडेशन के प्रमोद कुशवाहा ने इसे तकनीकी उत्कृष्टता, पारदर्शी शासन और दूरदर्शी नेतृत्व का नतीजा बताया। उन्होंने बताया कि ग्रेटर पटना आंदोलन की नींव 2004 में फुलवारीशरीफ से पड़ी थी, जो अब साकार होती दिख रही है।

उन्होंने कहा कि यह फ्लाईओवर महज एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि एक सोच की जीत है, जो ट्रैफिक समस्या के समाधान के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और समय की बचत की दिशा में भी बड़ा कदम है। कुशवाहा ने अभियंताओं, श्रमिकों और आंदोलन से जुड़े लोगों के योगदान को याद करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार न सिर्फ बदल रहा है, बल्कि देश को एक नया विकास मॉडल भी दे रहा है।

बिहार की राजधानी पटना ने 11 जून 2025 को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के पहले डबल डेकर फ्लाईओवर का उद्घाटन कर राजधानीवासियों को यातायात जाम से राहत का नया मार्ग सौंपा। कारगिल चौक पर आयोजित भव्य समारोह में सीएम ने जैसे ही फीता काटा, फ्लाईओवर जनता के लिए खोल दिया गया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और सांसद रविशंकर प्रसाद समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे।

करीब 422 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2.2 किमी है। यह दो स्तरों में बना है—निचला हिस्सा पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक 1.5 किमी लंबा है, जबकि ऊपरी लेवल कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक फैला हुआ है। लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे फ्लाईओवर का निरीक्षण भी किया और पीएमसीएच से इसकी कनेक्टिविटी को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस परियोजना को शहरी विकास की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से जाम से जूझ रहे अशोक राजपथ पर अब ट्रैफिक की बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनवरी 2022 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का चुनावी साल में पूरा होना सरकार की विकासपरक नीयत का प्रमाण है, जिससे राज्य की राजनीति को नई दिशा मिलेगी।

इस मौके पर ग्रेटर पटना फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि यह परियोजना “न्याय के साथ विकास” की मिसाल है। फाउंडेशन के प्रमोद कुशवाहा ने इसे तकनीकी उत्कृष्टता, पारदर्शी शासन और दूरदर्शी नेतृत्व का नतीजा बताया। उन्होंने बताया कि ग्रेटर पटना आंदोलन की नींव 2004 में फुलवारीशरीफ से पड़ी थी, जो अब साकार होती दिख रही है।

उन्होंने कहा कि यह फ्लाईओवर महज एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि एक सोच की जीत है, जो ट्रैफिक समस्या के समाधान के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और समय की बचत की दिशा में भी बड़ा कदम है। कुशवाहा ने अभियंताओं, श्रमिकों और आंदोलन से जुड़े लोगों के योगदान को याद करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार न सिर्फ बदल रहा है, बल्कि देश को एक नया विकास मॉडल भी दे रहा है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव