
फरीदाबाद/हरियाणा।
सैक्टर-3 स्थित जाट भवन में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. हृदयेश कुमार ने धूम्रपान के खतरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “अगर कोई व्यक्ति एक दिन में एक पैकेट सिगरेट पीता है, तो उसके शरीर को उतना ही रेडिएशन झेलना पड़ता है जितना 215 छाती के एक्स-रे से होता है।” उन्होंने इस गंभीर समस्या को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए लोगों से धूम्रपान छोड़ने की अपील की।
कार्यक्रम में डॉ. कुमार ने बताया कि धूम्रपान शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करता है और कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार जैसे घातक रसायनों की उपस्थिति से न सिर्फ धूम्रपान करने वाले, बल्कि उनके आसपास रहने वाले लोग भी प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों का सेवन अक्सर खुशी, तनाव या अवसाद जैसे भावनात्मक कारणों से किया जाता है, जो धीरे-धीरे लत में बदल जाता है और ‘सब्सटेंस अब्यूज डिसऑर्डर’ का रूप ले लेता है।
डॉ. हृदयेश ने यह भी बताया कि धूम्रपान छोड़ने के कुछ ही घंटों और दिनों बाद शरीर में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं — जैसे ब्लड प्रेशर का सामान्य होना, खांसी में कमी, स्वाद और गंध की क्षमता में सुधार, और फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि। लंबे समय तक धूम्रपान न करने से हृदयाघात और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।
उन्होंने सलाह दी कि धूम्रपान छोड़ने वालों को पौष्टिक आहार, पर्याप्त पानी, और सकारात्मक जीवनशैली अपनानी चाहिए, जिससे शरीर की सफाई प्रक्रिया तेज हो और मस्तिष्क की सक्रियता बनी रहे।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी से आह्वान किया कि “एक दिन तय करें और उसी दिन से धूम्रपान को ना कहें। अपने जीवन को बीमारी से नहीं, स्वास्थ्य से जोड़ें।”
ब्यूरो रिपोर्ट