पटना।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने राजस्व मामलों की व्यापक समीक्षा की और दाखिल-खारिज, परिमार्जन, भूमि विवाद समाधान, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन समेत कई मामलों की गहन पड़ताल की। उन्होंने 75 दिनों से अधिक लंबित 7,824 दाखिल-खारिज मामलों को 31 मार्च तक शत-प्रतिशत निष्पादित करने का निर्देश दिया, अन्यथा अंचलाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी। जिलाधिकारी ने कहा कि नए आवेदनों को समयसीमा के भीतर निपटाना होगा और राजस्व कर्मचारियों के प्रदर्शन की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। खराब प्रदर्शन करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ डिसमिसल तक की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डीएम ने बिहटा (2,133), संपतचक (1,878) और दीदारगंज (1,053) अंचलों में 75 दिनों से अधिक समय से लंबित दाखिल-खारिज मामलों की संख्या पर गहरी नाराजगी जताई। वहीं, घोसवरी, पंडारक और बिक्रम अंचलों में शत-प्रतिशत मामलों का निपटारा कर लेने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर पुराने मामलों को खत्म करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने 15 एपीएचसी और 335 एचएससी भवन निर्माण के लिए जमीन जल्द चिन्हित करने तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने का भी आदेश दिया।

परिमार्जन प्लस मामलों में 15,149 लंबित आवेदनों के शीघ्र निपटारे का निर्देश देते हुए डीएम ने पटना सिटी अंचल में सबसे अधिक (56.31%) लंबित मामलों पर चिंता जताई। दाखिल-खारिज की अस्वीकृति दर 37.35% पर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाया और कहा कि बिना ठोस कारण आवेदनों को अस्वीकार करने वालों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 के तहत तय समय सीमा में निष्पादन नहीं करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में डीएम ने राजस्व, निबंधन, परिवहन, खनन, वाणिज्य-कर समेत अन्य विभागों की समीक्षा की और सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को 100% हासिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने राजस्व कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा जारी रखने और जरूरत पड़ने पर प्रतिदिन समीक्षा करने की बात कही। डीएम ने सभी अंचल अधिकारियों को लंबित मामलों की गहन समीक्षा कर बैकलॉग खत्म करने का आदेश दिया और स्पष्ट किया कि शिथिलता या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट