
देशभर के विशेषज्ञों ने की विस्तृत चर्चा
पटना।
महावीर कैंसर संस्थान, पटना में “क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स – बदलते परिदृश्य” विषय पर एक दिवसीय सीएमई (कंटीन्युअस मेडिकल एजुकेशन) का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन आईजीआईएमएस के निदेशक प्रो. (डॉ.) बिंदे कुमार, संस्थान के निदेशक (प्रशासन) डॉ. बी. सन्याल, चिकित्सा निदेशक डॉ. मनीषा सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एल. बी. सिंह और मुम्बई से आए वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ. शिवसुब्बु ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर डॉ. एल. बी. सिंह ने बताया कि बिहार और झारखंड में पहली बार एन.जी.एस. (नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग) लैब की स्थापना महावीर कैंसर संस्थान में की गई है। यह अत्याधुनिक जाँच तकनीक कैंसर मरीजों के लिए 100% प्रभावी और सुरक्षित उपचार सुनिश्चित करेगी। मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स न केवल सटीक उपचार के करीब पहुंचने में सहायक होगा, बल्कि यह भी बताएगा कि किसी व्यक्ति को भविष्य में कैंसर होने की संभावना कितनी है।
देशभर के दिग्गज विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
सीएमई के दौरान विभिन्न वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल हुए। डॉ. श्याम अग्रवाल (नई दिल्ली), डॉ. ज्योति वाजपेयी (मुंबई), डॉ. श्रीधर, डॉ. आरती डर्रा (बेंगलुरु), डॉ. राज ज्योति दास (गुवाहाटी), डॉ. असीम मिश्रा (वाराणसी), डॉ. शिखर सावने (फरीदाबाद) सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
महिला कैंसर विशेषज्ञों में डॉ. मनीषा सिंह, डॉ. अविनाश उपाध्याय, डॉ. प्रितांजली सिंह, डॉ. विनिता त्रिवेदी, डॉ. ऋचा चौहान ने भी मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स के महत्व पर प्रकाश डाला।
बिहार और देशभर से जुटे 300 से अधिक कैंसर विशेषज्ञ
इस सीएमई में पटना और देशभर से लगभग 300 कैंसर विशेषज्ञों ने भाग लिया। प्रमुख विशेषज्ञों में डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. मधुकर दयाल, डॉ. अंजु सिंह, डॉ. शिव शंकर, डॉ. अमित कुमार, डॉ. अविनाश सिंह, डॉ. अनीता कुमारी, डॉ. अमृता रोकष, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, डॉ. रवि व्याहुत, डॉ. सीमा देवी, डॉ. राजेश कुमार सिंह, डॉ. सुबोध कुमार सिन्हा, डॉ. अशोक घोष, डॉ. राजीव रंजन प्रसाद, डॉ. आर. एन. टैगोर, डॉ. शेखर केसरी, डॉ. अनिरुद्ध पोद्दार, डॉ. अंजलि, डॉ. अनन्या, डॉ. सरिता, डॉ. सुरुति खेमका, डॉ. खंडेलवाल और डॉ. संदीप कुमार शामिल रहे।
ऑन्कोलॉजी में जीनोमिक्स और टार्गेटेड थेरेपी का बढ़ता प्रभाव
मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) बिंदे कुमार ने कैंसर के इलाज में आनुवांशिकी और आणविक परीक्षणों की आवश्यकता पर जोर दिया और एन.जी.एस. लैब की स्थापना के लिए महावीर कैंसर संस्थान के प्रबंधन को बधाई दी।
सीएमई के मुख्य आकर्षण में ऑन्कोलॉजी में जीनोमिक्स की भूमिका और स्तन एवं थायरॉयड कैंसर में मॉलिक्यूलर अपडेट शामिल थे।
बिहार में कैंसर उपचार की दिशा में ऐतिहासिक कदम
महावीर कैंसर संस्थान की यह पहल बिहार और झारखंड में कैंसर निदान और उपचार के नए आयाम खोलने वाली है। विशेषज्ञों ने इस नई तकनीक को भविष्य के कैंसर उपचार के लिए क्रांतिकारी कदम बताया। इस आयोजन ने चिकित्सा जगत में बिहार को एक नए मुकाम पर पहुंचाने का कार्य किया है।