
लाखों की संख्या में जुटते हैं छठ व्रती, मनोकामना सिक्का लेने की है मान्यता
बेलाउर (भोजपुर)।
सूर्योपासना का महापर्व छठ ब्रत की महिमा सर्वविदित है।पृथ्वी के साक्षात् देवता के रूप में देश और अब विदेशों में पूजा होती है। मध्य बिहार के शाहाबाद जिलों के प्रसिद्ध सूर्य तीर्थों में शुमार भोजपुर जिला के उदवंतनगर प्रखंड के बेलाउर सूर्य मंदिर आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां चैत मास तथा कार्तिक मास में बड़ी संख्या में छठ व्रती सूर्य की पूजा अर्चना करने बिहार, झारखंड, यूपी सहित अन्य प्रदेशों था विदेशों में रहनेवाले भारतीय श्रद्धालु छठ व्रत करने पहुंचते हैं। साल दर साल व्रतियों की संख्या बढ़ती जा रही है।स्थानीय लोगों तथा सूर्यमंदिर ट्रस्ट के सचिव संटू चौधरी की माने तो यह 600 वर्षों से सूर्य उपासना एवं आस्था का केंद्र रहा है। तत्कालीन बाबन सूबा के राजा ने यहां भव्य सूर्य मंदिर बनवाया था जो कालांतर में नष्ट हो गया। बाद में उसी स्थान पर लगभग 8 दशक पूर्व मौनी बाबा ने जन सहयोग से भव्य सूर्य मंदिर स्थापित कराया। यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। अन्य सूर्य मंदिरों अलग समस्या का प्रतीक यह सूर्य मंदिर पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है, जो अस्थाचल गामी सूर्य उपासना का प्रतीक है। इस मंदिर की ख्याति दूर दूर तक पहुंचने के कारण व्रतियों की संख्या, लाखों की भीड़ की सुविधाओं एवं मंदिर के विकास के लिए पर्यटन विभाग ने लगभग 5 करोड़ मुहैया की है, जिससे लाल रंग का मार्बल लगाया जा चुका है। साथ हीं सूर्य मंदिर के मुख्यद्वार को तोड़कर नया लुक में आकर्षक भव्य द्वार बनाया गया है।
मनोकामना सिक्का लेने की परंपरा
बेलाउर सूर्य मंदिर परिसर में छठ व्रतियों की मान्यता है कि भुवन भास्कर से भक्ति भाव से मांगी गई हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है। इसके लिए मंदिर में सिद्ध किया हुआ सिक्का पुजारी जी से मांग करने पर दी जाती है। अपनी मनोकामना पूर्ण होने के बाद व्रत करने के दौरान पूर्व में लिया सिक्का लौटा दिया जाता है।
अटल जी किये थे सूर्य मंदिर दर्शन
अटल बिहारी वाजपेयी 24 अप्रैल 1985 को एक चुनावी सभा के क्रम में सूर्य भगवान का दर्शन करने आए थे। विनय बेलाउर ने बताया कि मै 9 वर्ष का था जब भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी दर्शन के बाद सभा में बोले कि ऐसी प्रतिमा मैंने पूरे देश में नहीं देखी जो मकराना पत्थर से निर्मित भगवान भास्कर की प्रतिमा सात घोड़े, सारथी एक साथ कहीं जोड़ नहीं है।
कैसे पहुंचे बेलाउर सूर्यं मंदिर
जिला मुख्यालय से दक्षिणी भाग में महज 15 किलोमीटर के दूरी पर अवस्थित है बेलाउर का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर। वहीं रेलवे मार्ग हावड़ा जंक्शन और पं.दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच मेन लाइन पर आरा जंक्शन स्थित है। साथ ही आरा सहार मुख्य सड़क मार्ग पर अवस्थित होने के कारण बस एवं अन्य वाहनों के द्वारा यहां पहुंचना आसान है।
मंदिर निर्माण का इतिहास
संवत 2007 में करबासीन गांव निवासी संत मौनी बाबा के अथक प्रयास से बेलाउर सूर्य मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध मकराना के संगमरमर पत्थर से कराया गया था। मंदिर का निर्माण बावन सुवा के राजाओं द्वारा खुदवाए गए भैरवानंद पोखरा के मध्य कराया गया। स्थानीय बताते हैं कि लगभग 600 वर्ष पूर्व यहां बावन सुवा के राजा द्वारा मंदिर निर्माण कराया गया था, जो कालांतर में नष्ट हो गया। मंदिर में भगवान सूर्य के चारों क्षेत्र में गणेश, दुर्गा आदि देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित है।
आकर्षक प्रतिमा का दर्शन
सफेद रंग के संगमरमर का बना सात घोड़े पर सवार भगवान सूर्य की पश्चिमाभिमुख प्रतिमा आकर्षण का मुख्य केंद्र है।मानों भगवान सूर्य रथ पर सवार होकर आकाश से धरती की ओर उतर रहे हैं। बेलाउर निवासी एवं मंदिर ट्रस्ट के संटू चौधरी ने बताया कि ऐसी प्रतिमा अन्य मंदिरों में नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि मौनी बाबा और जयपुर नरेश को यही प्रतिमा पसंद आई बात तन गई और मामला कोर्ट पहुंचा आखिर फैसला मौनी बाबा के पक्ष में ही हुआ।
जाटा बाबा के मंदिर का दर्शन अवश्य किया जाता है
बेलाउर पहुंचने पर जाटा बाबा के मंदिर का दर्शन अवश्य करें। इस मंदिर में जाटा बाबा का आदमकद प्रतिमा स्थापित है तथा यह मंदिर सूर्य मंदिर से ऊंचा है। कहते हैं भैरवानंद पोखरा के निर्माण के समय गहरी खुदाई के बावजूद पानी नहीं निकलने पर बावन सुवा के राजा के आदेश पर जटा जूट धारी एक बच्चे को बलि देने के लिए लाया गया। बली न देने की शर्त पर बच्चों के फावड़ा उठते ही तालाब से जल निकल पड़ा। इस तालाब के उतरी छोर पर उनका भव्य मंदिर बनाया गया।
मिलता है मनोकामना सिक्का
बेलाउर सूर्य आने वाले श्रद्धालुओं को छठ की ब्रह्म मुहूर्त में मनोकामना सिक्का निःशुल्क दी जाती है। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को सिक्के लौटाने होते हैं। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य बताते हैं कि हजारों लोग मनोकामना पूर्ण होने पर सिक्के लौटा चुके हैं।
सरकार द्वारा पर्यटन स्थल का मिला है दर्जा
विख्यात बेलाउर सूर्य मंदिर की प्रसिद्धि को देखते हुए बिहार के पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर के विकास एवं सौन्दर्यीकरण के लिए आवंटित लगभग 5 करोड़ की राशि से सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रगति पर है।
रिपोर्ट: देवाशीष
ब्यूरो रिपोर्ट: अनिल कुमार त्रिपाठी



