
पटना।
बिहार की नई सत्ता-व्यवस्था शुक्रवार को पूरी तरह आकार लेती दिखी, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने 26 कैबिनेट मंत्रियों के बीच विभागों का अंतिम बंटवारा कर दिया। इस बार की सबसे बड़ी राजनीतिक हलचल उस पल दर्ज हुई जब दो दशक बाद पहली बार नीतीश ने गृह विभाग किसी और को सौंप दिया—और यह जिम्मेदारी सीधे तौर पर बीजेपी के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को मिली। इससे न सिर्फ सत्ता संतुलन बदला, बल्कि राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक फैसलों की धुरी अब बीजेपी की ओर थोड़ी और झुकती नजर आने लगी। दूसरी ओर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को भूमि एवं राजस्व और खान एवं भू-तत्व विभाग की कमान मिली है, जो आने वाले समय में राज्य की भू-नीति और खनिज प्रबंधन को आकार देंगे।
जेडीयू ने अपने दिग्गजों को मजबूत विभाग देकर सियासी संतुलन बनाए रखा है। विजय चौधरी जल संसाधन, संसदीय कार्य, सूचना एवं जनसम्पर्क और भवन निर्माण जैसे प्रमुख मंत्रालयों के प्रभारी बने हैं। वहीं बिजेन्द्र प्रसाद यादव के पास ऊर्जा, योजना एवं विकास, वित्त, वाणिज्य कर और मद्य निषेध जैसे बड़े विभागों का विस्तृत दायरा है। जेडीयू के श्रवण कुमार ग्रामीण विकास और परिवहन विभाग संभालेंगे, जबकि अशोक चौधरी ग्रामीण कार्य, लेशी सिंह खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग, मदन सहनी समाज कल्याण, सुनील कुमार शिक्षा विभाग और जमा खान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रभारी बनाए गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ चेहरे डॉ. प्रमोद कुमार को सहकारिता विभाग मिला है।
बीजेपी के मंत्रियों की बात करें तो यह सूची उतनी ही विस्तृत है जितने उनके विभाग। मंगल पांडेय स्वास्थ्य और विधि विभाग के साथ अपनी पुरानी जिम्मेदारियों में लौटे हैं। नितिन नवीन के पास पथ निर्माण और नगर विकास विभाग, जबकि दिलीप जायसवाल उद्योग मंत्री बने हैं। रामकृपाल यादव को कृषि विभाग की कमान दी गई है। संजय टाइगर श्रम संसाधन, अरुण शंकर प्रसाद कला-संस्कृति एवं पर्यटन, सुरेन्द्र मेहता पशु एवं मत्स्य संसाधन, श्रीनारायण प्रसाद आपदा प्रबंधन, रमा निषाद पिछड़ा-अति पिछड़ा कल्याण, लखेन्द्र रोशन एससी-एसटी कल्याण और श्रेयसी सिंह को खेल तथा आईटी विभाग का दायित्व सौंपा गया है। इसके अलावा प्रमोद कुमार चंद्रवंशी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता क्षेत्र से जुड़े मामलों को देखेंगे।
गठबंधन के अन्य सहयोगियों को भी कैबिनेट में हिस्सेदारी दी गई है। लोजपा-आर के कोटे से संजय कुमार को गन्ना उद्योग विभाग और संजय सिंह को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) मिला है। हम के संतोष सुमन पहले की तरह लघु जल संसाधन मंत्री बने रहेंगे, जबकि रालोसोपा से दीपक प्रकाश को पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कुल मिलाकर एनडीए के इस नए संयोजन—जिसमें बीजेपी के 14, जेडीयू के 9, लोजपा-आर के 2 और हम व रालोसोपा के 1-1 मंत्री शामिल हैं—ने बिहार की सत्ता का भविष्य एक नए समीकरण में ढाल दिया है।
नीतीश कुमार के पास इस बार सिर्फ मंत्रिमंडल सचिवालय, सामान्य प्रशासन, निगरानी, निर्वाचन विभाग और वे विभाग रहेंगे, जिन्हें किसी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है। यह शायद पहला कार्यकाल है जब नीतीश के पास विभागों की संख्या सबसे कम है, लेकिन सत्ता संचालन की डोर एक बार फिर पूरी तरह उनके ही हाथों में है। नई कैबिनेट का यह पूरा ढांचा आने वाले वर्षों में राज्य की नीतियों का नया नक्शा खींचने वाला है—जहां अनुभवी चेहरों का संतुलन, नए राजनीतिक समीकरण और मजबूत प्रशासनिक संरचना एक साथ अपना प्रभाव छोड़ते दिखेंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट
