पटना।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की ओर से हाजीपुर के सिधौली और सेन्दुआरी गांवों में किसानों को पोषण वाटिका (किचन गार्डनिंग) के लिए प्रोत्साहित करने हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान लगभग 140 किसान परिवारों के बीच सब्ज़ियों के बीज किट वितरित किए गए ताकि ग्रामीण स्तर पर पोषण और आजीविका दोनों को सशक्त किया जा सके।

कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एन.एस. दहिया ने किया। उन्होंने ग्रामीणों से वैज्ञानिक पशुपालन, किचन गार्डनिंग और समेकित कृषि प्रणाली को अपनाने का आग्रह किया। साथ ही किसानों को ‘बासुमिन’ खनिज मिश्रण के उपयोग से पशुओं के स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी।

प्रधान अन्वेषक डॉ. वाई.एस. जादौन ने किचन गार्डनिंग को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने पशुओं के नियमित टीकाकरण और कृमिनाशन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। वहीं डॉ. कुमारी शुभा और डॉ. कविता वर्मा ने टिकाऊ खेती और जैविक पद्धतियों को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि यह पहल ग्रामीण परिवारों में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है।

ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव