पटना।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3.16 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में 38,169 करोड़ रुपये अधिक है। इसमें से 1.38 लाख करोड़ रुपये केंद्र से करों में हिस्सेदारी के रूप में प्राप्त होंगे, जबकि 55,737 करोड़ रुपये ऋण उगाही से जुटाए जाएंगे। राज्य का राजकोषीय घाटा 2.98% और राजस्व बचत 8,831 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

इस बजट में शिक्षा, महिलाओं, आधारभूत संरचना, उद्योग, कृषि और समाज कल्याण पर विशेष फोकस किया गया है। शिक्षा विभाग को सबसे अधिक 60,964 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

बजट की मुख्य घोषणाएं:


कृषि और ग्रामीण विकास
21 कृषि उत्पादन बाजार प्रांगण के लिए 1,289 करोड़ रुपये।

नेफेड के सहयोग से अरहर, मूंग, उड़द जैसी दलहनों की एमएसपी पर खरीद।

सभी अनुमंडलों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना।

सभी प्रखंडों में सब्जी की उचित मूल्य पर बिक्री के लिए सुधा आउटलेट।

प्रत्येक पंचायत में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा कन्या विवाह मंडप का निर्माण।


महिला सशक्तिकरण
पटना में महिला हाट की स्थापना, अन्य शहरों के वेंडिंग जोन में महिलाओं के लिए विशेष जगह।

सभी शहरों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट।

महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा का विस्तार।

महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ई-रिक्शा की खरीद पर अनुदान।

महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना।

राज्य पथ परिवहन निगम के मेंटेनेंस विभाग में महिलाओं को 33% आरक्षण।


शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र
358 प्रखंडों में अंगीभूत राजकीय डिग्री कॉलेजों की स्थापना।

1 से 10वीं तक के छात्रों की छात्रवृत्ति राशि दोगुनी (अल्पसंख्यक छात्रों को भी लाभ)।

निजी और सरकारी भागीदारी से नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना।

सभी बड़े अनुमंडलों में अतिरिक्त रेफरल अस्पताल।

बेगूसराय में कैंसर अस्पताल की स्थापना और बिहार कैंसर सोसाइटी का गठन।

स्लम क्षेत्रों में चिकित्सा केंद्रों की स्थापना।


उद्योग और रोजगार
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 लागू होगी।

बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2025 का ऐलान।

बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025 लागू होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।

दवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार फार्मास्युटिकल्स प्रोमोशन पॉलिसी 2025।

उद्यमिता विकास संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा।


परिवहन और आधारभूत संरचना
सभी जिलों में आधुनिक बस स्टॉप बनाए जाएंगे।

बिहार में ग्रीन डेवलपमेंट फंड की स्थापना।

सौ करोड़ रुपये की लागत से बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन योजना।

नदियों पर पुलों की संख्या बढ़ेगी।

राज्य के किसी भी हिस्से से पटना 4 घंटे में पहुंचने की व्यवस्था।

पूर्णिया हवाई अड्डे का जल्द संचालन।

राजगीर, सुल्तानगंज और रक्सौल में हवाई अड्डे का विकास।

भागलपुर, वाल्मीकिनगर, वीरपुर, मधुबनी, मुंगेर और सहरसा में छोटे हवाई जहाजों के लिए सुविधा।


खेल और पर्यटन
सभी प्रमंडलों में राष्ट्रीय मानकों के अनुसार खेल अवसंरचना।

हर प्रखंड में एक आउटडोर स्टेडियम।

धार्मिक पर्यटन योजना की शुरुआत और महिलाओं को पर्यटन गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।


डिजिटल और प्रशासनिक सुधार
राज्य में स्टेट डेटा सेंटर की क्षमता बढ़ाई जाएगी।

भूमि निबंधन को पूरी तरह पेपरलेस किया जाएगा।

मल्टी-हैजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम लागू होगा।


विधानसभा में हंगामा
बजट पेश किए जाने से पहले विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। हालांकि, वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बिहार के विकास को प्राथमिकता देने और नई योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया।

यह बजट राज्य के आर्थिक विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, युवाओं की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

ब्यूरो रिपोर्ट