
पटना।
एम्स पटना और रेयर डिज़ीज़ इंडिया फाउंडेशन ने दुर्लभ रोग दिवस के अवसर पर “वॉक फॉर रेयर” का आयोजन किया, जिसमें एम्स के फैकल्टी, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान “रेयर डिज़ीज़ डे अवेयरनेस” सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने दुर्लभ रोगों के निदान, उपचार, अनुसंधान और राज्य की स्वास्थ्य नीतियों पर विचार-विमर्श किया।
कार्यवाहक निदेशक डॉ. सौरभ वाष्र्णेय ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य बिहार में दुर्लभ रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और विभिन्न हितधारकों को इस मुहिम से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि रेयर डिज़ीज़ इंडिया फाउंडेशन और एम्स पटना के इस सहयोग ने झारखंड में दुर्लभ रोगों से प्रभावित समुदाय के लिए नई उम्मीद जगाई है। “वॉक फॉर रेयर” और “रेयर डिज़ीज़ डे अवेयरनेस” के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि दुर्लभ रोगों से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति को समान चिकित्सा सुविधाएं और सहयोग मिलना चाहिए। इस जागरूकता पदयात्रा के माध्यम से दुर्लभ रोगों से प्रभावित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति और सहयोग की भावना को बल मिला है।
रेयर डिज़ीज़ इंडिया फाउंडेशन के निदेशक सौरभ सिंह ने दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए विशेष देखभाल और सहायता संरचना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बिहार में दुर्लभ रोगों के लिए समर्पित उत्कृष्टता केंद्र की कमी के कारण कई मरीज और उनके परिवार उचित निदान, उपचार और सहायता सेवाओं तक पहुंचने में संघर्ष कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि एम्स पटना इस भूमिका को अपनाकर स्वास्थ्य सेवा में इस महत्वपूर्ण कमी को पूरा करे। सौरभ सिंह ने यह भी कहा कि “वॉक फॉर रेयर” में बिहार की आम जनता सहित विभिन्न हितधारकों—स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं, मरीजों, उनके परिवारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं—की सक्रिय भागीदारी देखना उत्साहजनक है।
कार्यक्रम में डीन अकादमिक प्रो. रुचि सिन्हा, मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट (कार्य प्रभारित) प्रो. अमित राज, बाल चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्र मोहन कुमार, प्रताप कुमार पात्रा, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. पुनीत कुमार चौधरी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. सिद्धनाथ सुधांशु और डॉ. मनोज कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ब्यूरो रिपोर्ट अजीत यादव