पटना।
बिहार सरकार की कृषि फीडर सोलराइजेशन योजना को किसानों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। इस योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं या इसे किराए पर देकर अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर सकते हैं। सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराना है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों को स्थायी आय का एक नया स्रोत मिलेगा।

ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि फीडर सोलराइजेशन योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से किसानों को दिन के समय सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिलेगी, जिससे सिंचाई लागत घटेगी और कृषि उत्पादन बढ़ेगा। इसके साथ ही, किसान अपनी भूमि पर सोलर प्लांट लगाकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं। इस पहल से पर्यावरण को लाभ मिलेगा, क्योंकि इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और कार्बन उत्सर्जन घटेगा।
बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा 3681 कृषि/मिश्रित फीडरों को सोलराइज करने की योजना बनाई गई है। इस उद्देश्य से 6 विद्युत उपकेंद्रों पर 17.68 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए बिजली खरीद समझौता निष्पादित किया जा चुका है। वहीं, दूसरे चरण के तहत 1121 विद्युत उपकेंद्रों पर सोलराइजेशन हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसमें 113 निविदाकर्ताओं ने भाग लिया और 222 PSS के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इस योजना के तहत 1 मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए लगभग 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। सरकार किसानों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। इसके तहत: केंद्र सरकार द्वारा ₹1.05 करोड़ प्रति मेगावाट का अनुदान। बिहार सरकार द्वारा ₹45 लाख प्रति मेगावाट की वित्तीय सहायता। बैंकों द्वारा किसानों को ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार की यह योजना मुख्यमंत्री के “जल-जीवन-हरियाली” अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी। यह पहल बिहार को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भर बनाएगी और सतत विकास को बढ़ावा देगी। किसानों की भागीदारी से यह योजना राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

ब्यूरो रिपोर्ट